- राज्य में सबसे बड़े कमाऊ निगम में शामिल है वन निगम

- लगातार मिल रही कंप्लेंस के बाद वन निगम ने लिया फैसला, लगाए जाएंगे सीसीटीवी

>DEHRADUN: राज्य में कमाऊ निगमों में शामिल वन निगम में वर्तमान में करीब 50 करोड़ के घाटे का अनुमान है. ऐसे में निगम के सबसे ज्यादा कमाई के स्रोतों में शामिल लकड़ी की डिपो व खनन गेट्स संदेह के घेरे में है. लेकिन अब डिपो और खनन गेट्स की ऑन लाइन मॉनिटरिंग होगी. इसके लिए सीसीटीवी मुस्तैद किए जाने की तैयारी है. लोकसभा चुनाव के बाद होने वाली बोर्ड बैठक में इसका फैसला लिया जाएगा.

कमाऊ निगम, 50 करोड़ के घाटे में

राज्य के विभिन्न निगमों में वन निगम ऐसा निगम है, जो अपने संशाधनों के बदौलत हमेशा प्रोफिट में रहा है. लेकिन पिछले कुछ समय से वन निगम घाटे में चल रहा है. खुद वन निगम के चेयरमैन ने स्वीकार किया है, जिस वक्त उन्हें दायित्व मिला, उस वक्त निगम करीब 50 करोड़ के घाटे में चल रहा था. इसके लिए एडिशनल खर्चे सबसे बड़े कारण रहे हैं. जिन पर वन निगम प्रशासन लगाम लगाने में नाकाम रहा है. वहीं बीते दिनों निगम के चेयरमैन ने कई खनन का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान दून के एक खनन गेट को छोड़कर अधिकतर स्थानों पर खामियां पाई गई. ऐसे में निगम को घाटे से उबारने के लिए नई तरकीब आजमाने की कोशिश की जा रही है.

डिपो की ऑनलाइन होगी मॉनिटरिंग

वन निगम के मैनेजिंग डायरेक्टर मोनिष मल्लिक का कहना है कि जिन डिपो में बहुमूल्य वुडड(लकड़ी)का भंडारण किया जाता है. उनकी ऑन लाइन मॉनिटरिंग की जाएगी. ऐसे स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. जिसकी दून हेडक्वार्टर से निगरानी की जाएगी. इन सीसीटीवी कैमरों को वाई-फाई से जोड़ा जाएगा. बताया जा रहा है कि निगम को अपने डिपो से ही वुड की सेल में हेरा-फेरी की भी कंप्लेंस मिलती आई हैं. एमडी का कहना है कि इसी प्रकार से कई नदियों पर खनन के लिए तैयार किए गए गेट्स पर भी सीसीटीवी कैमरे मुस्तैद किए जाने पर मंजूरी मिली है. हालांकि उनका कहना है कि इसके लिए बोर्ड से मुहर लगनी बाकी है. राज्य में गेट्स की संख्या 32 हैं. इनमें दून में डोईवाला का धर्मूचौक, सौंग नदी, ऋषिकेश, हल्द्वानी में गोला आदि नदियों पर गेट शामिल हैं.

::वन निगम के प्रमुख बड़े डिपो::

-सेलाकुई

-आमडांडा रामनगर

-कालाढूंगी

-पनचाली-कोटद्वार

-दून का रायवाला डिपो

-बिबिवाला ऋषिकेश.

-टनकपुर

-खटीमा

-लालकुआं

-वन निगम के डिपो की संख्या--35

-खनन को लेकर वन निगम के गेट्स--32

-खनन को जाने वाले वाहन आरएफआईडी (रेडिया फ्रिक्वेंसी आईडेंटिफिकेशनन)से हाेते हैं लैस.

डिपो व खनन से करीब 750 करोड़ की कमाई

वन निगम हर साल करीब 350 करोड़ खनन और तकरीबन 400 करोड़ रुपए टिंबरर(लकड़ी)से कमाता है. हालांकि बदले में सरकार को रॉयलिटी भी देता है. वन निगम को वुड के तौर पर सबसे ज्यादा सागौन, शीशम, कैल जैसे लकड़ी से आमदनी होती है. वन निगम वन डिपो व खनन गेट्स पर ग्राहकों को सुविधाएं देने की भी तैयारी कर रहा है. जिसमें मूलभूत सुविधाएं शामिल होना बताई गई हैं.

हां, यह पहला मौका होगा, जब निगम के बड़े डिपो वाई-फाई से ऑन लाइन सीसीटीवी से मॉनिटर होंगे. तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. आगामी बोर्ड बैठक में इस पर मंजूरी मिल जाएगी.

- मोनिष मल्लिक, एमडी, वन निगम.

Posted By: Ravi Pal