- आई नेक्स्ट ने पहले ही किया था आगाह

- पिछले कई दिनों से एसआईटी कर रही थी पूछताछ

- ठोस कागजी सबूतों के आधार पर हुई गिरफ्तारी

PATNA : टॉपर्स घोटाले की अहम कड़ी रहे बोर्ड के पूर्व सेक्रेटरी श्रीनिवास चन्द्र तिवारी को एसआईटी ने सोमवार को गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में ये ख्ख्वीं गिरफ्तारी है। इनसे पहले बोर्ड के पूर्व सेक्रेटरी हरिहर नाथ झा को एसआईटी ने गिरफ्तार किया था, जो अभी बेउर जेल में बंद हैं।

मालूम हो कि आई नेक्स्ट ने पहले ही बता दिया था कि इंटरमीडिएट टॉपर्स घोटाला मामले में श्रीनिवास तिवारी जल्द ही गिरफ्तार हो सकते हैं। आज आई नेक्स्ट की ये बात सच साबित हुई है। गौरतलब है कि लालकेश्वर प्रसाद के बोर्ड का चेयरमेन बनने के दौरान श्रीनिवास चन्द्र तिवारी वहां सेक्रेटरी थे। लालकेश्वर के साथ मिलकर इन्होंने भी बहती गंगा में अपने हाथ खूब धोए थे।

बाद में दोनों के बीच विवाद भी हुआ था, जिसके चलते उनका ट्रांसफर किया गया और फिर मिड डे मिल योजना का उन्हें डायरेक्टर बनाया गया। अब तक श्रीनिवास इसी पोस्ट पर बने हुए थे। एसआईटी की टीम इनसे पिछले तीन-चार दिनों से पूछताछ करने में जुटी हुई थी। जो सबूत एसआईटी के हाथ लगे थे, उसके आधार पर कई सवाल पूछे गए। जिसका जवाब वो नहीं दे सके।

मिले ठोस सबूत

टॉपर्स घोटाला और बोर्ड ऑफिस के अंदर चल रहे अलग-अलग घोटालों में श्रीनिवास चन्द्र तिवारी के शामिल होने के संकेत पहले से ही मिल रहे थे लेकिन बीते तीन-चार दिनों की जांच और पूछताछ के दौरान कागजी सबूत एसआईटी के हाथ लग गए। इसके बाद सोमवार को कोतवाली थाने में हुई पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

ये हैं गिरफ्तारी के आधार

बतौर सेक्रेटरी श्रीनिवास बिहार बोर्ड की एफिलिएशन कमेटी के मेंबर भी रह चुके हैं। गलत तरीके से कॉलेजों को एफिलिएशन देने के मामले में लालकेश्वर के साथ इनकी सांठ-गांठ पाई गई है। भागलपुर के टीचर अनिल कुमार को गलत तरीके से बोर्ड ऑफिस में डिप्यूटेशन पर लाया और बाद में उसे लालकेश्वर का पीए बना दिया। इसके अलावे भी कई मामलों में इनकी संलिप्तता पाई गई है।

श्रीनिवास चन्द्र तिवारी को गिरफ्तार कर लिया गया है। हरिहर नाथ झा की तरह ही घोटाले में इनका रोल था। खासकर गलत तरीके से कॉलेजों को एफिलिएशन देने के मामले में।

मनु महाराज, एसएसपी पटना

Posted By: Inextlive