सरकारी बंगले में तोडफ़ोड़ को लेकर उठे विवाद पर चौतरफा घिरे सपा मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बुधवार को बेहद गुस्से में दिखे।

ताकि उनकी नफरत कम हो
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LUCKNOW : अखिलेश ने कहा कि बंगले में उन्होंने तोडफ़ोड़ नहीं कराई। वह तो केवल वही सामान ले गए, जो अपने पैसे से लगवाया था। उपचुनाव में हार से बौखलाई सरकार उनकी छवि खराब करने की साजिश कर रही है। अखिलेश कानूनी कार्रवाई करने के लिए सरकार को चिट्ठी लिखने वाले राज्यपाल राम नाईक को भी निशाने पर लिया।राज्यपाल में संविधान नहीं, आरएसएस की आत्मा सपा मुख्यालय में पत्रकार वार्ता में अखिलेश ने नशेड़ी और गंजेड़ी जैसे  शब्दों का इस्तेमाल करने से भी परहेज नहीं किया। उनके हाथ में दो नई टोंटियां देख सब हैरान रह गए। अखिलेश बोले, 'जो टोंटी गायब मिली हैं, वे लौटाने आया हूं। मैं सारी टोंटियां देने को तैयार हूं ताकि उनकी नफरत कम हो।'
'सोए हुए लोग भी जाग गए
राज्यपाल राम नाईक पर अखिलेश ने तंज किया कि, 'सोए हुए लोग भी जाग गए हैं। राज्यपाल अच्छे आदमी हैं, लेकिन उनके भीतर संविधान नहीं, आरएसएस की आत्मा है। जांच के बाद जल्द ही उनको सच्चाई का पता चल जाएगा। मुझे भी रिपोर्ट का इंतजार है जिससे पता चले कि सरकारी संपत्ति को कितना नुकसान पहुंचा।'  बोले, बंगले केजो फोटो दिखाए जा रहे हैं, उनमें सच्चाई छिपायी जा रही है। अखिलेश ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री आवास में मेरा बहुत सामान बचा है, सरकार वह भी लौटा दे। उन्होंने अपने पैसे से बनवाये गए मंदिर, जाली व सहारनपुर की लकड़ी की नक्काशी और फ्लोरिंग को भी गिनाया। उनका कहना था कि भाजपा को उसके हर खेल में उन्हें हरा देंगे। भाजपा गठबंधन से डर गई है।

मैंने अपनी पसंद से बंगला बनवाया था

पूर्व मुख्यमंत्री का सरकारी बंगले के प्रति लगाव भी झलका। उन्होंने कहा, 'मैंने अपनी पसंद से बंगला बनवाया था। जब किसी घर में इंसान रहने लगता है,  तो उससे लगाव हो जाता है।फिर घर तो अपने हिसाब से बनवाया जाता है। मैंने अपने पैसे से अपनी जरूरतें पूरी कीं। पूर्व सीएम को सरकारी आवास मिलता है तो वह अपने हिसाब से बदलाव कर सकता है। मकान देने का कानून भी हमने बनवाया।'  बंगले में स्विमिंग पूल की बात खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि सवा साल में मेरे घर में एक हजार बच्चे आए होंगे। उनसे पूछो कहां है स्विमिंग पूल? जो स्विमिंग पूल है ही नहीं, उस पर खबर बना दी गई कि पूल पर मिट्टी डाल दी।
वे तो बंगले से चिलम भी निकाल देंगे
सपा प्रमुख का गुस्सा मीडिया के अलावा सीएम कार्यालय के दो अधिकारियों को लेकर भी था। उन्होंने कहा कि लोग जलन में अंधे हो गए हैं। जांच करा लेंगे तो दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। 'बंगला खाली होने के बाद मुख्यमंत्री के ओएसडी अभिषेक और सचिव मृत्युंजय नारायण वहां गए थे। वे वहां क्या करने गए थे? वे लोग फोटोग्राफर लेकर गए थे।'  उन्होंने मीडिया पर निशाना साधा, मैं भी अच्छी तस्वीरें खींचता हूं, ऐसी तस्वीरें खींचूंगा कि लोगों को जलन होगी। कल को हमारी सरकार बनी तो हो सकता है कि यही अफसर दिखा दें कि बंगले (पांच, कालीदास मार्ग) में चिलम मिली है।

छोटे दिल वाली सरकार

गुस्साए अखिलेश ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री नहीं बनना चाहता हूं, लखनऊ में ही रहना चाहता हूं। सपा कार्यकर्ता अगला प्रधानमंत्री तय करेंगे और मेरे अपमान का बदला जनता लेगी। उन्होंने योगी सरकार को छोटे दिल वाली बताया। कहा, ' यह सरकार मेट्रो के उद्घाटन पर पूर्ववर्ती सरकार को श्रेय देना भूल जाती है। आलमबाग बस अड्डे निर्माण में समाजवादी सरकार का योगदान रहा है।'
 
मेरा बहुत सामान बचा है, सरकार लौटा दे

आवास में मेरा बहुत सामान बचा है, सरकार लौटा दे।अपने पैसे से बनवाये गए  मंदिर, जाली व सहारनपुर की लकड़ी की नक्काशी और फ्लोरिंग भी कराई। भाजपा
को उसके हर खेल में उन्हें हरा देंगे। भाजपा गठबंधन से डर गई है।-अखिलेश यादव, सपा मुखिया
अखिलेश बताएं, दीवार के पीछे क्या था?
अखिलेश यादव के वार के फौरन बाद स्वास्थ्य मंत्री और सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने मोर्चा संभाला। कहा कि अखिलेश के शब्दों के चयन पर एक मुहावरा सटीक बैठता है-'खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे। उन्होंने कहा कि अखिलेश का दावा है कि उन्होंने बंगले में पैसे लगाए, ऐसे में इनकम टैक्स को जांच करनी चाहिये कि उन्हें टैक्स सही से मिल रहा है या नहीं।
इनकम टैक्स विभाग जांच करे
सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि आज पूर्व सीएम ने खुद ये स्वीकार कर लिया है कि उन्होंने करोड़ों खर्च कर बंगला बनवाया था। अब इनकम टैक्स विभाग यह जांच
करे कि उन्हें टैक्स सही से मिल रहा है। उन्होंने सवाल किया कि इस पैसे का डिक्लेरेशन किया गया है या नहीं। यह पैसा आखिर आया कहां से। अखिलेश का हाल तो 'उलटा चोर कोतवाल को डांटे'  वाला हो गया है। अखिलेश ने जिस तरह के शब्दों का इस्तेमाल उन्होंने किया है वह शोभनीय नहीं है। बंगले की दीवार तोडऩे पर कहा कि तोड़ी गई उस दीवार के पीछे ऐसा क्या छिपा था, जिसके लिये दीवार तोडऩी पड़ी।

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Posted By: Shweta Mishra