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PRAYAGRAJ: पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान व उनके पुत्र अब्दुल्ला आजम खान के खिलाफ 2017 विधान सभा चुनाव के नामांकन में धोखाधड़ी कर झूठा हलफनामा दाखिल करने के मामले में एफआईआर दर्ज हुई थी। जनपद रामपुर के सीजेएम अदालत में वादी नवाब काजि़म अली खान उर्फ नावेद की ओर से मुकदमा दर्ज करने की प्रार्थना की गई थी। आरोप था कि अब्दुल्ला आजम खान ने नामांकन पत्र में पैन नम्बर गलत दाखिल किया है। जबकि उनके बैंक खाता से जुड़ा पैन नंबर दूसरा है। झूठा हलफनामा इनके पिता मो। आजम खान जो उस समय प्रदेश सरकार में मंत्री थे ने तैयार कराया था।

पत्रावली आई थी विशेष कोर्ट

अब्दुल्ला आज़म खान के निर्वाचित होने के बाद पूर्व मंत्री आकाश सक्सेना द्वारा निर्वाचन आयोग से शिकायत की गई थी। इसकी जांच जिला मजिस्ट्रेट के आदेश पर अपर जिला मजिस्ट्रेट द्वारा की गई। आरोप की पुष्टि नौ अगस्त 2017 को की गई। वादी ने इस बात की तहरीर एसओ कोतवाली को दी लेकिन कोई कार्यवाही न होने पर एसएसपी रामपुर को 5 मार्च 2018 को लिखित तहरीर दी। उस पर भी कार्यवाही न होने पर न्यायालय में प्रार्थना पत्र देकर एफआईआर दर्ज कराने की मांग की।

फाइल लौटाने का दिया आदेश

न्यायालय द्वारा इसे परिवाद में परिवर्तित कर दिया गया। इसमें वादी व शबाब हुसैन के बयान के बाद परिवाद में बिना कोई तलबी या खरजा का आदेश किये हुए एमपी एमएले कोर्ट को पत्रावली हस्तांतरित की गई। उक्त पत्रावली में कोई आदेश न होने की वजह से परिक्षण प्रारम्भ नहीं हुआ है। इसलिए विशेष जज पवन कुमार तिवारी ने उक्त पत्रावली को पुन: सुनवाई के लिए सीजेएम रामपुर को वापस भेजे जाने का आदेश दिया है।

Posted By: Inextlive