नई हाईटेक टेक्‍नोलॉजी वाले वीडियो गेम बच्‍चों को ऐसा लती बना रहे हैं इसका उदाहरण इंग्‍लैंड में देखने को मिला। जहां एक 9 साल की छोटी लड़की ने अपने पिता पर हमला कर दिया क्‍योंकि वो उसका एक्‍स बॉक्‍स गेम बंद कर रहे थे।

पूरी रात Xbox गेम खेलने के बाद भी नहीं उठी बच्ची, फिर हुई आक्रामक

कानपुर। इंग्लैंड में एक 9 साल की लड़की को एक्सबॉक्स का एक वीडियो गेम को खेलने का ऐसा जुनून सवार हुआ कि वो लगातार 10 घंटों तक गेम खेलती रही और पूरी रात जागते हुए गुजार दी। डेलीमेल की रिपोर्ट के मुताबिक इस लड़की ने आगे भी गेम खेलने की सारी हदें पार कर दीं। जब लगातार बैठे-बैठे उसे टॉयलेट जाने की जरुरत पड़ी तब भी वह नहीं उठी। इस कारण उसने अपनी चेयर ही गीली कर दी। इसके बाद भी जब उसने गेम खेलना नहीं छोड़ा तो उसके पिता ने उसे उठाने के लिए दबाव डाला और उसका गेम बंद करने की कोशिश की तो उनकी बेटी आपे से बाहर हो गई और उसने अपने पिता के मुंह पर ही जोरदार मुक्का जड़ दिया। बच्चे की हरकत से उसके माता-पिता बिल्कुल शॉक्ड हो गए और फिर उन्होंने उसे ऐसी लत से छुटकारा दिलाने के लिए रिहैबिलिटेशन सेंटर भेज दिया है। ताकि वीडियो गेम खेलने की उसकी लत किसी भी तरीके से छूट सके।
Fortnite video game स्कूली बच्चों को बना रहा है लत का शिकार

यूके की मिरर वेबसाइट ने बताया है कि पिछले साल जुलाई में लांच होने के बाद से एक्सबॉक्स का फोर्टनाइट गेम कुछ ज्यादा ही पॉपुलर हो चुका है। तभी तो लगभग 1 साल की अवधि में यह गेम 40 मिलियन बार डाउनलोड किया जा चुका है। छोटे स्कूली बच्चे भी इस गेम को खेलने में पागलों की तरह इन्वॉल्व रहते हैं। बता दें कि यह एक सर्वाइवल गेम है, जिसमें यूजर हवा में उड़ उड़कर खुद को बचा और दूसरों को मार सकते हैं।


वीडियो गेम के लिए पिता पर हमला करने वाली लड़की की ये है कहानी

डेलीमेल ने बताया कि इस बच्ची के माता-पिता के मुताबिक इसी साल जनवरी में उन्होंने अपनी बेटी को एक एक्सबॉक्स लाकर दिया था और फिर उसके बाद उसने फोर्टनाइट गेम डाउनलोड कर लिया, क्योंकि तमाम सेलेब्रिटीज उस गेम का प्रचार-प्रसार कर रहे थे। 2 महीने पहले ही इनके पेरेंट्स को अपनी बच्ची के बिहेवियर में बदलाव का अंदाजा हुआ। जब उनके स्कूल टीचर ने बच्ची की शिकायत की। यही नहीं इस गेम को खेलने के लिए वो लड़की हर महीने 50 पाउंड खर्च कर रही थी।


वीडियो गेम एडिक्शन को लेकर क्या कहता है वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन
?

बता दें कि वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन (WHO) ने वीडियो गेम खेलने की पृवत्ति को आधिकारिक रूप से मेंटल हेल्थ डिसऑर्डर का नाम दिया है। डेलीमेल ने लिखा है कि डब्ल्यूएचओ के मुताबिक वीडियो गेम खेलने की लत को गेमिंग डिसऑर्डर कहा जाता है, जिसमें वह व्यक्ति गेम में मौजूद कैरेक्टर्स के मुताबिक ही बातचीत या बिहेवियर करने लगता है और अपने हर काम को छोड़कर अपने गेम को ही सबसे ज्यादा प्रायोरिटी देता है। वह अपने रोजमर्रा के तमाम काम, पढ़ाई लिखाई और खेलकूद छोड़कर गेम खेलने में ही जुटा रहता है। डब्ल्यूएचओ ने वीडियो गेम खेलने के शौकीन लोगों को सलाह दी है कि वह इस बात का ख्याल रखें कि गेम खेलने पर रोज कितना वक्त खर्च कर रहे हैं और अपने रोजमर्रा के जरूरी कामकाज तो कहीं मिस नहीं कर रहे। इसके अलावा गेमर्स को अपनी शारीरिक और मानसिक हेल्थ के बारे में भी अलर्ट रहना चाहिए। ऐसे लोगों को अपने परिवार और दोस्तों से घुलना-मिलना और बातचीत भी करते रहना चाहिए। वर्ना वीडियो गेम खेलने की लत इंसान खासतौर पर बच्चों पर हावी होने लगती है और ऐसे लोग गेम के अलावा जिंदगी की हर जरूरी चीज से दूर हो जाते हैं।

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Posted By: Chandramohan Mishra