-22.50 लाख रुपये कैश, चार मोबाइल फोन, एक कार, एक स्कूटी, एक एलईडी टीवी व सेटटॉप बॉक्स बरामद

-एंड्रायड एप और सेटेलाइट चैनल के प्रसारण में टाइमिंग के अंतर का फायदा उठाते थे आरोपी

LUCKNOW : आईपीएल मैच में अगली गेंद में क्या होने वाला है, अगर यह पहले पता चल जाए तो सट्टा बाजार में करोड़ों के वारे-न्यारे हो जाएं। सआदतगंज में चार सट्टा संचालकों ने प्रसारण में टेक्निकल पेंच के जरिए यह सुविधा हासिल कर ली और बॉल टू बॉल सट्टा लगवाकर मोटी कमाई शुरू कर दी। हालांकि, उनकी यह हरकत एसटीएफ से छिप न सकी और रविवार शाम छापेमारी में इस आईपीएल बिटिंग एक्सचेंज का खुलासा हो गया। टीम ने मौके से चार सट्टा संचालकों को अरेस्ट करते हुए उनके कब्जे से 22.50 लाख रुपये कैश, चार मोबाइल फोन, एक कार, एक स्कूटी, एक एलईडी टीवी व सेटटॉप बॉक्स बरामद किया है।

बना रखा था बिटिंग एक्सचेंज

एसएसपी एसटीएफ अभिषेक सिंह के मुताबिक, बीते दिनों आईपीएल मैच में बिटिंग एक्सचेंज बनाकर और उससे लोगों को कनेक्ट कर सट्टा लगाने की सूचनाएं मिल रही थीं। इन सूचनाओं को डेवलप करने के लिये डिप्टी एसपी सत्यसेन यादव को लगाया गया। डीएसपी यादव को रविवार को टिप मिली कि एक गैंग सआदतगंज के पंडित सक्खन महाराज धर्मशाला में बिटिंग एक्सचेंज बनाकर सट्टा खिलवा रहा है। सूचना पर इंस्पेक्टर संदीप मिश्र और उनकी टीम ने रविवार शाम धर्मशाला मे ंछापा मारा। जहां चार सट्टा संचालकों ठाकुरगंज निवासी भानू यादव, पारा निवासी शुभम तिवारी, अलीगंज निवासी अरुण सक्सेना और सआदतगंज निवासी लाल बहादुर को अरेस्ट कर लिया।

प्रसारण की टाइमिंग में खेल

गिरफ्त में आए अभियुक्तों ने पूछताछ में बताया कि वे लोग 'क्रिकेट लाइव' और 'क्रिकेट मजा' नाम के एंड्रॉयड एॅप को गूगल प्ले स्टोर से लैपटॉप पर डाउनलोड कर लेते हैं। इस एॅप के जरिए वे लैपटॉप पर स्टेडियम में होने वाले क्रिकेट मैच का लाइव प्रसारण देखते रहते हैं। खास बात यह है कि इस एॅप में दिखने वाले प्रसारण में जो मैच दिखाई देता है, सेटेलाइट प्रसारण में वह चार सेकेंड बाद दिखाई देता है। इस एॅप में टीमों के रेट भी शो होते हैं। टाइमिंग के इस 'पेंच' के जरिए उन्होंने सट्टा खेलने वालों को चूना लगाने की सोची और बिटिंग एक्सचेंज के जरिए सट्टा लगाने वालों को कनेक्ट कर लेते थे। सट्टा लगाने वाले चूंकि सैटेलाइट प्रसारण देख रहे होते, जबकि आरोपी क्रिकेट एॅप के जरिए वह मैच चार सेकेंड पहले ही देख लेते, इसी का फायदा उठाकर वे बॉल टू बॉल सट्टा लगवाते थे।

हर टीम का अलग दो रेट

बॉल टू बॉल सट्टा लगवाने के साथ ही आरोपी हर टीम के दो रेट (मिनिमम और मैक्सिमम) निर्धारित होते हैं, जिसका मिनिमम रेट होता है और वह टीम हारती है तो न्यूनतम रेट के मूल्य की धनराशि के बराबर का नुकसान होता है। अगर वह टीम जीतती है तो मैक्सिमम मूल्य की धनराशि के बराबर लाभ होता है।

शुरुआती जांच में पता चला है कि गिरफ्त में आए सट्टेबाजों के तार उत्तराखंड के नैनीताल में स्थित सट्टे के नोडल प्वाइंट्स से जुड़े हुए हैं। आगे की कार्रवाई के लिये उत्तराखंड पुलिस से संपर्क किया गया है।

अभिषेक सिंह एसएसपी, एसटीएफ

Posted By: Inextlive