Patna: कॉलेज जाने के क्रम में अब तक तीन प्रोफेसर का हाथ-पांव टूट चुका है. दर्जनों गल्र्स स्टूडेंट्स का सिर फट चुका है. आसपास के लोग बारिश शुरू होते ही घर में दुबक जाते हैं. बच्चे को निकलने नहीं दिया जाता. बिजनेसमेन लाठी के सहारे आते हैं.


मेन रोड से उतर कर पैदल निकलते हैंयह कहानी एक सड़क की है, जो दो सालों से इस कदर खराब हो चुकी है कि दिन के उजाले में भी लोग गिर जाते हैं। नतीजतन आसपास के लोग कंकड़बाग स्थित मेन रोड से उतर कर पैदल निकलते हैं। अगर बारिश हो जाती है, तो फिर दिन भर में बीस से तीस लोगों को सड़क पर गिरना ही पड़ता है। पीसी कॉलोनी के ब्लॉक बी स्थित गंगा देवी कॉलेज जाने वाली सड़क दो सालों से इस कदर खराब है कि हर आने-जाने वाला देखकर ही सहम जाता है। दरअसल दो साल पहले यह सड़क अच्छी थी, पर अंडर ग्राउंड नाला के निर्माण की शुरुआत जब पीएमसी ने किया, तो नाला तो नहीं बना पाया, पर कॉलेज की बाउंड्री को तोड़ दिया गया। अब चलना भी है दुश्वार


नाला निर्माण की जवाबदेही नगर विकास को दिया गया। इनकी ओर से अंडर ग्राउंड नाला को पूरी तरह से तैयार करवा दिया गया, लेकिन सड़क की हालत इतनी खराब हो गयी है कि अब चलना भी दुश्वार है। अब सड़क का मामला फंसा हुआ है। पीएमसी अपना हाथ खींची हुई है तो विधायक के पास इस सड़क का फंड नहीं है। इस वजह से गंगा देवी महिला कॉलेज, रघुनाथ बालिका हाई स्कूल सहित मस्जिद आने जाने वालों को काफी प्रॉब्लम होती है। जानकारी हो कि स्कूल कॉलेज मिलाकर लगभग चार हजार स्टूडेंट्स यह प्रॉब्लम सफर कर रही हैं। बारिश में कोई नहीं आना चाहता  कंकड़बाग कॉलोनी रोड स्थित इस सड़क पर स्कूल कॉलेज और मस्जिद के अलावा तीस से अधिक घर हैं, पर जैसे ही बारिश होती है सबसे पहले स्कूल और कॉलेज को बंद कर देना पड़ता है। क्योंकि स्टूडेंट और प्रोफेसर तक आने के लिए तैयार नहीं होते। इसके अलावा इस पूरी सड़क पर सिर्फ दो स्ट्रीट लाइट ही लगी हुई है। दिन तो दिन रात में भी इस वजह से काफी प्रॉब्लम आती है। इसको लेकर लोकल पर्सन ने कई बार एमएलए और एमएलसी से बात भी की है, लेकिन अभी तक कुछ खास नहीं निकल पाता है। दो साल पहले कॉलेज की बाउंड्री के पास नाला बनना शुरू हुआ था। नाला तो नहीं बना, पर कॉलेज की बाउंड्री गिर गई। इसके लिए मैंने कई बार नगर निगम को लिखा, लेकिन मुझे पैसे नहीं मिले। इसके बाद एचआरडी डिपार्टमेंट से 6 महीने पहले मिले पैसे से बाउंड्री बना पाई हूं। डॉ। उषा सिन्हा, प्रिंसिपल, गंगा देवी गल्र्स कॉलेज

इस सड़क को देखने वाला भी कोई नहीं है। दो साल से पीएमसी, नगर विकास से लेकर लोकल एमएलए और एमएलसी तक का दरवाजा खटखटा चुके हैं, पर कोई भी देखने को तैयार नहीं है। एजाज, लोकल पर्सन जब भी कॉलेज आती हूं, तो अपनी गाड़ी कॉलेज के अंदर नहीं ला पाती। मेन सड़क पर ही ऐसे ही गाड़ी छोड़ कर आते हैं। दिनभर सड़क पर पड़ी रहती है। कंचन, प्रोफेसर, गंगा देवी गल्र्स कॉलेज थोड़ी सी बारिश होती है कि कॉलेज को बंद कर दिया जाता है। अगर कॉलेज खुला भी रहेगा, तो स्टूडेंट्स की संख्या बहुत ही कम रहती है। कोई भी स्टूडेंट्स डर से कॉलेज नहीं आना चाहती।कन्हैया सिंह, प्रोफेसर, गंगा देवी गल्र्स कॉलेज कॉलेज आने-जाने वाले रास्ते में कई गड््ढे हैं। ऐसे में कॉलेज आते जाते आए दिन स्टूडेंट्स गिर जाती हैं। छोटी मोटी चोट आना तो यहां पर आम बात है। अभी तक कई बार प्रोफेसर भी पानी में गिरने से हाथ पांव तुड़वा चुकी हैं।विनीता मिश्रा, प्रोफेसर, गंगा देवी गल्र्स कॉलेज

कई बार तो बारिश के बाद भी कॉलेज आने की गुंजाइश नहीं रहती। कॉलेज के बाहर गेट के आसपास इतना ज्यादा पानी लगा रहता है कि कॉलेज नहीं जा सकते। स्टूडेंट्स तो पानी देखकर ही वापस चली जाती हैं.पुष्पा श्रीवास्तव, प्रोफेसर गंगा देवी कॉलेज

Posted By: Inextlive