लोकसभा चुनाव के लिए आया था करोड़ों का काला धन

पुलिस वालों ने षडयंत्र रचकर लूट लिया

पूर्व मुख्यमंत्री के दिल्ली स्थित बंगले से जुडे केस के तार

देहरादून

आईजी गढवाल रेंज की जिस कार में सवार होकर तीन पुलिस वालों ने प्रोपर्टी कारोबारी अनुरोध पंवार को लूटा, उस मामले में बड़ा पॉलिटिकल गेम सामने आया है. मामले के तार प्रदेश के एक पूर्व मुख्यमंत्री के दिल्ली स्थित बंगले से जुड़ गए हैं. ऐसे में पूरे मामले में चर्चा यह है कि यह रकम चुनाव में खर्च होने आया काला धन तो नहीं था. लूट का शिकार प्रोपर्टी डीलर और साजिश का आरोपी राजनीतिक पार्टी के कार्यकत्र्ता है. दोनों की मुलाकात भी पूर्व मुख्यमंत्री के बंगले पर ही हुई थी. दोनों पुर्व मुख्यमंत्री के बेटे के करीबी बताए जा रहे हैं. इस मामले में प्रोपर्टी के बदले कैश लेन-देन का कोई साक्ष्य अभी पुलिस को नहीं मिला है. रकम दिल्ली से चली और देहरादून पहुंची थी. देहरादून से यह प्रदेश के एक लोकसभा क्षेत्र में पहुंचाने के लिए प्रोपर्टी कारोबारी को सुपुर्द की गई, जिसे पुलिसवालों ने रास्ते में ही उड़ाने का गेम प्लान किया. डब्ल्यूआईसी इस साजिश का केन्द्र बना. रकम एक करोड़ से अधिक होने की चर्चा है. लूट का आरोपी दरोगा दिन भर सादे कपड़ों में डब्ल्यूआईसी में ही रहा. उसने साजिश के आरोपी के साथ वहीं लंच भी किया. रात साढे़ 9 बजे ज्योंही प्रोपर्टी डीलकर बैग में कैश लेकर निकला, पुलिस वाले सरकारी गाड़ी से उसके पीछे हो लिए और लूट लिया.

तीन दिन सोचने में बीते कि कैसे करे कंप्लेन:

प्रोपर्टी कारोबारी से करोड़ों रुपए लूट के बाद अनुरोध पंवार को तीन दिन इस उहापोह में लग गए कि इस रकम की लूट का कैसे करे खुलासा. वह अपने राजनीतिक आकाओं से इस बारे में सलाह लेने में जुटा रहा. जिन लोगों का कैश था, उन्होंने कह दिया कि जो भी हुआ उसके लिए वह जिम्मेदार है, या तो कैश वापस करें, नहीं तो नतीजे भुगतने का तैयार रहे. डर के मारे खलबली मची तो अनुरोध ने अपने खाते-बही संभाले और कुछ कैश को एक नंबर में दिखाने की व्यवस्था होने के बाद पुलिस अफसरों के पास पहुंचा. वारदात में आईजी को अलॉट सरकारी स्कार्पियो इस्तेमाल होने के कारण पुलिस के भी होश उड़ गए.

कैश कितना था, नहीं बता रहा प्रोपर्टी डीलर:

अनुरोध पंवार से पुलिस वालों ने जो बैग लूटा था, उसमें कितना कैश था, यह वारदात को 8 दिन बीतने के बाद भी साफ नहीं हो पाया है.न पीडि़त इस मामले में रकम उजागर करने का तैयार है, न पुलिस ने एफआईआर और जांच में अभी यह साफ किया कि रकम कितनी थी. चूंकि वारदात में आईजी की सरकारी कार इस्तेमाल हुई है, ऐसे में चर्चा यह भी है कि इस गेम में कुछ अन्य पुलिस ऑफिसर्स भी मिले हो सकते हैं.

डब्ल्यूआईसी का संचालक भी राजदार:

इस पूरे खेल में कैश का लेनदेन डब्ल्यूआईसी के संचालक के जरिए होने की बात सामने आई है. अनुरोध पंवार के मुताबिक उसने कैश अनुपम से लिया था, लेकिन अनुपम का कहना है कि वह एक बार दिल्ली में पूर्व मुख्यमंत्री के बंगले पर अनुरोध से मिला था,इसके अलावा उसकी अनुरोध से मुलाकात ही नहीं हुई. उसने कैश नहीं दिया. कैश डब्ल्यूआईसी में ही रखा था. ऐसे में इस पूरे खेल में डब्ल्यूआईसी का संचालक भी जांच के घेरे में है.

चुनाव के लिए आया काला धन का संदेह:

इस पूरे प्रकरण को लेकर चर्चा यह है कि रकम चुनाव में मतदाताओं रिझाने के लिए आई थी. मामले में जिस अनुपम शर्मा पर पुलिस वालों के साथ लूट की साजिश रचने का आरोप है वह एक पॉलिटिकल पार्टी का पदाधिकारी है. दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने पूरे मामले की पड़ताल के लिए अनुपम शर्मा से बात कि तो उसने चौंकाने वाले खुलासे किए. अनुपम का कहना है कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बीसी खंडूरी के दिल्ली स्थित बंगले पर वह कुछ दिन पहले ही अनुरोध पंवार से मिला था. मुलाकात संजय नवानी ने कराई थी. लूट के मामले में फरार चल रहा दरोगा दिनेश नेगी अनुपम का पुराना दोस्त है. दिनेश पूर्व सीएम का पीएसओ रहते हुए अनुपम के संपर्क में आया था. फिर डीजीपी का पीआरओ रहा तो दोस्ती और गहरी हो गई.

साजिश कर्ता और फरार पुलिस वाले सभी कुमांऊ के:

इस वारदात में साजिश रचने का आरोपी अनुपम और लूट की वारदात में जिन पुलिस वालों को फरार बताया जा रही है, सभी कुमांऊ के हैं. दरोगा दिनेश नेगी हल्द्वानी का है और प्रदेश के राजनीतिक व पुलिस गलियारे में अच्छी पैठ रखता था. दबी जुबान में पुलिस के अधिकारी बताते हैं कि एक समय दिनेश नेगी प्रदेश में आईपीएस अफसरों से लेकर इंस्पेक्टर तक के ट्रांसफर पोस्टिंग में भारी दखल रखता था. जब तक उसकी चल रही थी सब उसे सलाम करते थे, अब जब वह लूट के मामले में फंस गया तो हर कोई उसके काले कारनामों की पोल बता रहा है.

केस एक नजर में

4 अप्रेल की रात राजपुर रोड पर आईजी की कार सवार तीन पुलिस कर्मियो ने प्रोपर्टी कारोबारी को चुनाव चैकिंग के नाम पर रोककर कैश से भरा बैग लूट लिया था.

तीन पुलिस वालों के नाम वारदात में सामने आए हैं. दरोगा दिनेश नेगी, आईजी का ड्राइवर हिमांशु उपाध्याय और घुड़सवार पुलिस का सिपाही मनोज

10 अप्रैल को डालनवाला थाने मे लूट और षडयंत्र की एफआईआर दर्ज

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Posted By: Ravi Pal