- मेडिकल कॉलेज का मामला

- इंजेक्शन व रैपर पर दो डेट अंकित

- मामले में चुप्पी साध लिए हैं जिम्मेदार

GORAKHPUR: दवाओं को लेकर मेडिकल कॉलेज एक बार भी चर्चा में आ चुका है। लंबे समय के बाद दर्द का इंजेक्शन की सप्लाई की गई। लेकिन यह दर्द निवारक इंजेक्शन पेशेंट्स के किसी काम का नहीं है। रैपर और इंजेक्शन पर दो अलग-अलग एक्सपायरी डेट दर्ज हैं।

कौन सा डेट है सही

इंजेक्शन और रैपर पर मई 2016 एक्सपायर डेट के स्थान पर दर्ज है। वहीं उसे नीचे ही दूसरी डेट अंकित की गई है। इसके अनुसार दवा मार्च 2017 में एक्सपायर होगी। हालांकि डेट कौन सा सही है इसे मेडिकल कॉलेज के जिम्मेदार भी नहीं समझ पा रहे हैं। लाखों रुपयों से मंगाए गए इंजेक्शन पर कोई अफसर कुछ भी बोलने से बच रहा है।

दवाओं में गड़बड़ी

छह माह से मेडिकल कॉलेज में दवाओं का अकाल पड़ गया था। इसे दूर करने के लिए मेडिकल कॉलेज प्रशासन प्रयास में लगा था। लेकिन बजट न होने की वजह से दवाइयां नहीं मंगाई जा सकीं। इस संकट से पार पाने के लिए थोड़ी बहुत दवाओं की खरीदारी की गई। मगर फिर भी समस्याओं से छुटकारा नहीं मिल सका। जिम्मेदारों का कहना था कि दवाओं की डिमांड भेज दी गई है जल्द ही दवाएं मंगवा ली जाएगी। मगर ऐसा नहीं हुआ। जब दवाइयां मंगवाई गई तो कई मामले सामने आने शुरू हो गए। रविवार को एक मामला चौंकाने वाला सामने आया है। मेडिकल कॉलेज में जो दर्द निवारक इंजेक्शन मंगवाया गया है। उस पर अलग-अलग एक्सपायर डेट अंकित है। इससे से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कहीं न कहीं सिस्टम में खोट है।

Posted By: Inextlive