-एमआरपी पुराने रेट पर, नए दाम खुद तय कर दिए दुकानों ने

-शराब की दुकानों के सेल आउट संकट के जूझने के बाद भी एक करोड़ से अधिक की कमाई

-हर बोतल, क्वार्टर, हॉफ व बीयर की बोतल पर खुलेआम वसूले जा रहे ज्यादा पैसे

देहरादून, शराब की दुकानों के सेल आउट संकट से जूझ रहे आबकारी विभाग को आवंटित की गई दुकानें न केवल विभाग को राजस्व का नुकसान पहुंचा रही हैं, बल्कि आम लोगों से बेखौफ वसूली भी की जा रही है. हकीकत यह है कि पुराना स्टॉक नई दुकानों को ट्रांसफर होने, पुराने एमआरपी होने के बावजूद ठेके वाले कस्टमर्स से मनमाफिक दाम वसूल रहे हैं. वसूली का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सीमित दुकानें सेल आउट होने के कारण अब तक दून में अप्रैल माह में करीब 11 करोड़ के कारोबार का अनुमान है. हर बोतल, क्वार्टर, हॉफ व बीयर की बोतल से एनएवरेज 10 रुपए की अवैध वसूली का आकलन कर दिया जाए तो एक करोड़ से अधिक की कमाई का आकलन किया जा रहा है. साफ है कि इसके बावजूद महकमा चुप बैठा हुआ है.

अप्रैल में 11 करोड़ का कारोबार

दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने स्टिंग ऑपरेशन के जरिए ट्यूजडे के अंक में दून की शराब की दुकानों द्वारा की जा रही ओवर प्राइसिंग की सच्चाई सामने रखी थी. इसके बाद महकमे के अधिकारियों ने इस पर नियंत्रण करने का भरोसा दिया था. खुद आबकारी विभाग के अधिकारियों ने कहा था कि हर दुकान के बाहर डिस्प्ले बोर्ड पर नए रेट चस्पा करने के आदेश दिए जाएंगे. ओवर प्राइसिंग पर कंट्रोल करने के लिए डीईओ को निर्देश दिए जाएंगे. 24 घंटे के बाद सीमित दुकानों ने डिस्प्ले बोर्ड पर नए रेट दर्शाए थे, लेकिन अधिकतर दुकानों पर इसका कोई असर देखने को नहीं मिला. जिला आबकारी ऑफिस दून से मिली जानकारी के अनुसार इस वर्ष शराब की दुकानों का आवंटन कम होने के कारण नए वित्तीय वर्ष के पहले माह यानि अप्रैल माह में 11 करोड़ से अधिक की शराब का पूरे जिले में कारोबार होने का अनुमान है. गत वर्ष इस अवधि में यह आंकड़ा 45 करोड़ से अधिक पहुंच चुका था. ऐसे में हर बोतल से एवरेज 10 रुपए की ओवर प्राइसिंग के हिसाब से एक करोड़ से अधिक का काला कारोबार हो जाने का अनुमान है.

डिस्प्ले बोर्ड पर नंबर नहीं

दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने जब दून के डीईओ मनोज उपाध्याय से ओवर प्राइसिंग के बारे में जानकारी चाही तो उनका जवाब भी रटारटाया था. कहा, ओवर प्राइसिंग की कंप्लेन आने पर कार्रवाई की जाती है. इसके लिए टॉल फ्री नंबर, इंस्पेक्टर्स के नंबर्स फ्लैश किए गए हैं, जो खुद दुकानों के बाहर हैं. जब हमारी टीम ने कुछ दुकानों के बाहर ऐसे नंबरों की पड़ताल की तो न तो टॉल फ्री और न ही इंस्पेक्टर्स के नंबर मिल पाए. यहां तक कि दुकानों ने डिस्प्ले बोर्ड पर नए रेट भी दुकानों के भीतर अंडर प्ले किए हुए हैं. जहां तक कस्टमर्स की नजर नहीं पहुंच पा रही है. डीईओ ने बताया कि अब तक दून में 29 दुकानें सेल आउट होने का इंतजार कर रही हैं.

Posted By: Ravi Pal