-केजीएमयू की एक्जीक्यूटिव काउंसिल ने लिया निर्णय

-बड़ी संख्या में मानकों को दरकिनार कर हुई थी भर्तियां

LUCKNOW:

किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में वर्ष 2004-05 में हुई भर्तियों की धांधली के मामले में दोषी पाए गए अधिकारियों व कर्मचारियों को नोटिस जारी की जाएगी। केजीएमयू की ईसी ने गुरुवार को इसका निर्णय लिया है। 2010 में ही कमिश्नर लखनऊ ने मामले की जांच में भर्तियों को मानकों के विपरीत बताया था और अधिकारियों कर्मचारियों को दोषी पाया था। साथ ही कार्रवाई की संस्तुति की थी। इस भर्ती घोटाले में संस्थान के बड़े अधिकारियों से लेकर कर्मचारी तक शामिल हैं।

जारी की जाएगी नोटिस

वर्ष 2004-05 मे केजीएमयू में समूह ग के पदों पर बड़ी संख्या में भर्तियां की गई थी। आरोप था कि सभी पदों को विज्ञापित करने की बजाए सिर्फ 94 का ही विज्ञापन जारी किया गया। वाहन चालक, सामान्य कार्यकर्ता, कनिष्ठ लिपिक, रिकार्ड कीपर, जनसंपर्क अधिकारी, सफाई निरीक्षक, इलेक्ट्रिशियन, टेलीफोन ऑपरेटर, एंबुलेंस ड्राइवर सहित अन्य पदों पर भर्तियां की गई थी। बाद में शिकायत मिलने पर तत्कालीन कमिश्नर प्रशांत त्रिवेदी ने मामले की जांच की थी और जांच में पाया था कि सभी भर्तियां अवैधानिक रूप से की गई हैं। जिसके लिए संबंधित अधिकारी और कर्मचारी उत्तरदायी हैं। कार्यपरिषद ने गुरुवार को बैठक में निर्णय लिया है कि सभी जिम्मेदार अधिकारियों, कर्मचारियों और जॉब पाने वाले कर्मचारियों को भी नोटिस जारी की जाएगी। नोटिस का जवाब मिलने के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।

ये हैं जिम्मेदार

सभी भर्तियां तत्कालीन वीसी प्रो। महेंद्र भंडारी के समय की हैं। इसके लिए पूरी तरह से तत्कालीन रजिस्ट्रार और तीन प्रोफेसर्स की कमेटी जिम्मेदार है। साथ ही रजिस्ट्रार कार्यालय के कई बाबू भी जांच में दोषी पाए गए हैं। जल्द ही केजीएमयू प्रशासन इन सभी को नोटिस जारी करेगा। नोटिस का जवाब मिलने पर सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

बढे़गा आउटसोर्सिग कर्मियों का वेतन

केजीएमयू की कार्यपरिषद ने केजीएमयू, लोहिया इंस्टीट्यूट और संजय गांधी पीजीआई में आउटसोर्सिग के तहत तैनात कर्मियों का वेतनमान एक समान करने के निर्णय को हरी झंडी दे दी है। अब यह प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा। इस निर्णय से केजीएमयू में तैनात करीब 2000 कर्मचारियों के वेतन में काफी बढ़ोत्तरी होगी। कुछ दिन पहले शासन के निर्देश तीनों ही संस्थानों के अधिकारियों की मीटिंग हुई थी, जिसमें तय किया गया था कि सभी का वेतनमान एक समान किया जाएगा। शासन ने तीनों ही संस्थानों को निर्देश दिया था कि कार्यपरिषद में प्रस्ताव को पास करके उसे शासन को भेजें। जिसके बाद ही शासन तीनों की दरें एक समान करने पर निर्णय लेगा।

संविदा पर होगी तैनाती

ईसी ने रेडियो डायग्नोसिस में संविदा पर शिक्षक रखने की अनुमति दे दी है। विभाग में होने वाले एमसीआई के इंस्पेक्शन और मान्यता के खतरे को देखते हुए विभाग की एचओडी ने एक असिस्टेंट प्रोफेसर की तैनाती की मांग की थी जबकि भर्तियों पर रोक लगी हुई है। सूत्रों के मुताबिक विभाग के एक एसआर को असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर तैनात किया जाएगा।

ये भी हुए अहम निर्णय

ईसी ने सीवीटीएस विभाग के डॉ। शेखर टंडन की जांच कमेटी की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है। अब उन्हें चार्जशीट दी जाएगी। इसके अलावा बीएससी नर्सिग में वाइस चांसलर्स मेडल देने का भी निर्णय लिया गया है जबकि डेंटल के डॉ। जितेंद्र राव को डॉ। पूरन चंद्र से सीनियर होने की रिपोर्ट को भी स्वीकार कर लिया है। हालांकि डॉ। जितेंद्र राव के सर्टिफिकेट फर्जी होने के मामले के लिए लीगल ओपीनियन लेने का निर्णय लिया गया है।

Posted By: Inextlive