- लखनऊ बेस्ड कंपनी ने फ्लैट दिलाने के नाम पर लगभग पांच हजार लोगों को लगया 100 करोड़ का चूना

- गोरखपुर के 52 लोगों के भी डूबे 3.50 करोड़

- सस्ते फ्लैट के चक्कर में गंवाई खून-पसीने की कमाई

GORAKHPUR: गोरखपुर समेत पूरे प्रदेश में प्रॉपर्टी दिलाने के नाम पर पब्लिक से फर्जीवाड़े का धंधा तेजी से पनप रहा है। अगर आप भी बरसों की खून-पसीने की कमाई जमाकर अपने घर का सपना देख रहे हैं तो सावधान रहें, कहीं आपके इस सपने को भू माफियाओं की नजर न लग जाए। प्रॉपटी का धंधा करने वाली आर संस इन्फ्रालैंड डेवलपर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने प्रदेश के कई शहरों में अपना ऑफिस खोल लखनऊ में फ्लैट दिलाने के नाम पर लगभग 100 करोड़ रुपए गबन कर लिए हैं। जिसमें गोरखपुर के भी 52 लोगों का लगभग 3.50 करोड़ रुपया डूब गया है। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि कंपनी ने फ्लैट के नाम पर पैसे तो ले लिए लेकिन पजेशन देने की बात पर तीन साल से टालमटोल किया जा रहा है। परेशान हाल शिकायतकर्ताओं ने लखनऊ, गोरखपुर सहित अन्य जगहों पर कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।

52 गोरखपुराइट्स के डूबे 3.50 करोड़

शाहपुर इलाके के रहने वाले रिटायर्ड अधिकारी अमिय रमण ने एसएसपी सुनिल गुप्ता से शिकायत की है कि आर संस इन्फ्रालैंड डेवलपर्स का ऑफिस बैंक रोड के क्रास मॉल में स्थित है। उन्होंने कंपनी के जरिए 500 वर्ग फीट के रेट के हिसाब से तीन साल पहले फ्लैट बुक किया था। लेकिन कंपनी ने अब तक पजेशन नहीं दिलाया है। बात करने पर जिम्मेदार टरका देते हैं। अमिय रमण की तरह ही शहर के 51 और लोगों ने भी कंपनी के खिलाफ फ्लैट के नाम पर रुपए गबन करने की शिकायत दर्ज कराई है। एसएसपी के निर्देश पर कैंट पुलिस ने अमिय रमण सहित दस पीडि़तों की शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने लखनऊ निवासी कंपनी के एमडी आशीष कुमार श्रीवास्तव, सिहापार हाटा बाजार निवासी मुकेश शाही, बिछिया की प्रियंका मिश्रा, लखनऊ की तबस्सुम और एचआर तरन्नुम के खिलाफ धोखाधड़ी के जरिए पैसे हड़पने और धमकी, मारपीट सहित अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।

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150 लोग और कराएंगे एफआईआर

गोरखपुर के एक शिकायतकर्ता ने बताया कि बहुत जल्द लगभग 150 लोग और जिनका इस कंपनी में पैसा डूबा है वो कैंट थाने में एफआईआर करा सकते हैं।

आरोपी व्हाट्सएप कर दे रहे दिलासा

एक शिकायतकर्ता का कहना है कि एक आरोपी व्हाट्सएप मैसेज कर लोगों को दिलासा दिला रहा है कि बहुत जल्द उन्हें फ्लैट मिल जाएगा। मैसेज में लिखा है कि एमडी खुद उन लोगों के साथ बकायदा मीटिंग भी करेंगे। आरोपी ने व्हाट्सएप के जरिए जो मैसेज भेजा है उसमें ये तक लिखा है कि 20़19 के अगस्त माह से सितबंर तक 100 लोगों फ्लैट दे भी दिया है और बहुत जल्द आप लोगों को भी फ्लैट दे दिया जाएगा। जबकि अभी 2019 वर्ष की शुरूआत हुई है और फरवरी माह चल रहा है।

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भू माफियाओं की सूची में एमडी का नाम

देखा जाए तो पब्लिक के साथ हुए इस फ्रॉड का जिम्मेदार प्रशासन भी कम नहीं है। पब्लिक से फ्रॉड करने वाली कंपनी के एमडी आशीष कुमार श्रीवास्तव का नाम बाराबंकी डीएम ऑफिस में चस्पा भू माफियाओं की लिस्ट में छठवें नंबर पर है। इसके बाद भी वह खुलेआम जमीन का धंधा करता रहता है।

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एक जमीन की 18 बार रजिस्ट्री

लखनऊ के एक शिकायतकर्ता ने बताया कि कंपनी ने एक ही जमीन को दिखाकर उसकी 18 लोगों से अलग-अलग रजिस्ट्री कराई। हद तो ये कि लखनऊ तहसील ने भी उस जमीन का 18 बार खारिज-दाखिल किया। जिसके बाद तहसील के कर्मचारियों की भी मिलीभगत की जांच की जा रही है।

इन जगहों पर खुला कंपनी का ऑफिस

- लखनऊ, गोरखपुर, बलिया, देवरिया, वाराणसी, फैजाबाद, गाजीपुर, आजमगढ़

सोशल साइट पर विरोध

लखनऊ और गोरखपुर समेत जितनी भी जगहों पर लोगों के साथ फ्रॉड किया गया है, वहां के लोग सोशल नेटवर्किग साइट्स के जरिए अपना गुस्सा निकाल रहे हैं। लोगों की डिमांड है कि जल्द से जल्द आरोपियों को गिरफ्तार कर लोगों के पैसे वापस दिलाए जाएं।

पब्लिक के पैसे से चल रहीं 13 कंपनियां

शिकायतकर्ता का ये भी आरोप है कि कंपनी के एमडी आशीष श्रीवास्तव ने पब्लिक से प्लॉट के नाम पर पैसा लेकर 13 और कंपनियां खोल ली हैं। जिसके एमडी आशीष और उनके परिवार के लोग हैं।

वर्जन

शिकायत के आधार पर सभी डॉक्युमेंट्स की पड़ताल की जाएगी। उसके बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।

- रवि राय, कैंट थानाध्यक्ष

Posted By: Inextlive