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लोगों को ठगों का गिरोह बना चुका है निशाना

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करोड़ से भी अधिक रुपए की कर चुके हैं वसूली

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आर्टिकल के तहत सीधी भर्ती कराने का देते थे झांसा

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सदस्यों को एसटीएफ ने लोकल पुलिस के साथ मिलकर पकड़ा

एसटीएफ इलाहाबाद इकाई ने शिवकुटी एरिया से सरगना सहित चार को दबोचा

इलाहाबाद व बिहार हाईकोर्ट सहित कई विभागों में सीधी भर्ती का देते थे झांसा

PRAYAGRAJ: इलाहाबाद व पटना हाईकोर्ट सहित अन्य विभागों में सीधी भर्ती के नाम पर बेरोजगारों से 50 करोड़ रुपये वसूल चुके गैंग का बुधवार को एसटीएफ ने पर्दाफाश किया. एसटीएफ ने गैंग के तीन सदस्यों को गिरफ्तार करने के बाद यह खुलासा किया है. पुलिस का दावा है कि यह गैंग करीब 1400 युवाओं को अपना शिकार बना चुका है. अवैध तरीके से कमाए गए पैसों से गैंग का सरगना सोरांव में कई प्रतिष्ठान डेवलप कर चुका है. इनके पास से भारी संख्या में अवैध दस्तावेज व करोड़ों रुपए के भरे एवं ब्लैंक चेक भी टीम को मिले हैं. गैंग का सरगना व पकड़े गए तीनों सदस्य प्रयागराज जिले के हैं.

पकड़े गए गैंग के सदस्य

पुलिस उपाधीक्षक एसटीएफ फील्ड इकाई प्रयागराज नवेन्दु को गैंग के बारे में सटीक सूचना मिली थी. खबर मिलने के बाद टीम के साथ वह एमएनएनआईटी कैंपस के डब्लू ब्लाक जाने वाले गेट के सामने डट गये. लोकल पुलिस के साथ पहुंची एसटीएफ टीम ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में फ्राड गैंग के सरगना ने अपना नाम मो. शमीम अहमद सिद्दीकी पुत्र मो. यासीन सिद्दीकी निवासी अरईस थाना सोरांव बताया. गैंग में शामिल अन्य तीन सदस्यों ने अपनी पहचान राघवेंद्र सिंह पुत्र सत्यनारायण सिंह निवासी खूखूतारा इब्राहिमपुर अम्बेडकर नगर हाल पता डब्लू-5 स्टाफ कॉलोनी एमएनएनआईटी शिवकुटी, नीरज पराशर पुत्र बृजकिशोर शर्मा निवासी फ्लैट नंबर-2 साई बिहार अपार्टमेंट चर्चलेन प्रयागराज व रमेश चंद्र यादव उर्फ गुड्डू पुद्ध अमरनाथ यादव निवासी पूरे घासी थाना नवाबगंज बतायी. उन्होंने टीम को बताया कि वे न सिर्फ हाईकोर्ट इलाहाबाद व पटना बिहार में समीक्षा अधिकारी, सहायक समीक्षा अधिकारी, चपरासी के पद पर सीधी भर्ती कराने के नाम पर पैसा वसूलते थे बल्कि इनकम टैक्स, सिंचाई विभाग एवं सेतु निगम में लिपिक व चपरासी पद पर सीधी भर्ती के नाम लोगों को झांसा देते थे. इनका रैकेट यूपी, बिहार के अलावा कई अन्य प्रदेशों में फैला हुआ है. सरगना समीम सिद्दीकी सोरांव में कई एजेंसियां व करोड़ों की जमीन बना रखा है.

मिले कई फर्जी दस्तावेज

एसटीएफ को इनके पास से चयन घोषणा पत्र हाईकोर्ट इलाहाबाद का 236 वर्क

सादा घोषणा पत्र की मूल प्रति 76 वर्क व फोटो कॉपी 76 वर्क मिले हैं

इसके अतिरिक्त नियुक्ति पत्र स्टाम्प पेपर, विधि नोटिस

विभिन्न पदों की हस्त लिखित अभ्यर्थियों के नाम की सूची

अखबार में प्रकाशित विज्ञप्ति, बुकलेट, ओएमआर शीट

डिमांड ड्राफ्ट की छायाप्रतियां, अंक पत्र, प्रमाण पत्र

सेवा ग्रहण आदेश, चेक छायाप्रति, लेनदेन के विवरण की डायरी सहित कुल 286 वर्क साथ ही टाइपशुदा व सादा स्टाम्प पेपर मिला है

डिपार्टमेंटल कंफिडेंशियल आर्डर, नियुक्ति पत्र न्याय विभाग उत्तर प्रदेश का

पटना हाईकोर्ट द्वारा जारी नियुक्ति पत्र तथा कई अभ्यर्थियों के अंक व प्रमाण पत्र मिले हैं.

विभिन्न बैंकों के 12 चेक, 500-500 के बंद चुके पुराने नोट संख्या 74 मूल्य 37000 रुपए

एक लाख 30 हजार नकद

तीन लक्जरी कार, एक बाइक

सात मोबाइल, दो एटीएम कार्ड मिले हैं.

बताता था डिप्टी रजिस्ट्रार हाईकोर्ट

एसटीएफ के मुताबिक पूछताछ में सरगना मो. शमीम ने बताया कि वह इलाहाबाद हाईकोर्ट के कोआपरेटिव सोसायटी में एकाउंटेंट के पद 1978 से तैनात था. वह कोर्ट के बाहर खुद को डिप्टी रजिस्ट्रार हाईकोर्ट बताकर फ्राड किया करता था. राघवेंद्र सिंह ने बताया कि वह एमएनएनआईटी तेलियरगंज में स्टूडेंट एक्टिविटी एण्ड स्पो‌र्ट्स ऑफिसर है. रमेशचंद्र यादव उर्फ गुड्डू हाईकोर्ट में सीसीटीवी व इंटरकॉम टेलिकाम का काम देखने वाले नीरज पराशर एवं मृत्युंजय सिंह निवासी सिविल लाइंस को साथ लेकर नौकरी के नाम पर फ्राड का जाल फैला रखा था.

Posted By: Vijay Pandey