- बरेली के 12 कोटेदारों की फंसी गर्दन, 10 पर एफआईआर

- कार्रवाई से आक्रोशित कोटेदारों ने डीएसओ का किया घेराव

- पीओएस जमा करने और इस्तीफा देने की मांग, राशन वितरण रोका

बरेली के क्ख् कोटेदारों की फंसी गर्दन, क्0 पर एफआईआर

- कार्रवाई से आक्रोशित कोटेदारों ने डीएसओ का किया घेराव

- पीओएस जमा करने और इस्तीफा देने की मांग, राशन वितरण रोका

BAREILLY:

BAREILLY:

सरकारी राशन की कालाबाजारी रोकने के लिए कोटेदारों को सरकार ने प्वॉइंट ऑफ सेल (पीओएस) जुलाई ख्0क्7 में बांटे थे, लेकिन कोटेदारों ने इस नई व्यवस्था में भी सेंध लगा दी। बरेली ही नहीं पूरे प्रदेश में कोटेदारों ने एक ही आधार से बार-बार नम्बर फीड कर सैकड़ों क्विंटल राशन की कालाबाजारी कर दी। एक शिकायत पर जब प्रदेश स्तर पर मामले की जांच हुई तो बरेली के भी क्ख् कोटेदारों की गर्दन फंस गई। अभी तक क्0 कोटेदारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है। डीएसओ सीमा त्रिपाठी ने फ्राइडे को शहर के 8 कोटेदारों के खिलाफ संबंधित थाने में एफआईआर दर्ज कराई। जिसके बाद कोटेदारों का गुस्सा भड़क गया। उन्होंने डीएसओ ऑफिस का घेराव कर दिया और पीओएस जमा करने और इस्तीफा देने की बात करने लगे। डीएसओ ने उच्चाधिकारियों का कोई ऑर्डर नहीं होने के कारण इस्तीफा लेने व पीओएस जमा करने से साफ इनकार कर दिया।

राशन वितरण में कर दिया खेल

कालाबाजारी रोकने के लिए प्रदेश भर के कोटेदारों को पीओएस बांटी गई हैं। बरेली में पीओएस एनआईसी के सॉफ्टवेयर से काम करता है। जिसे विजनटेक कम्पनी देख रही है। महीने की भ् तारीख से राशन वितरण होता है। महीने के लास्ट में फ् दिन जिनका थम्ब इम्प्रेशन मैच नहीं करता उनको भी राशन वितरण का नियम है। उनका पीओएस में आधार नम्बर फीड कर राशन का वितरण किया जाता है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, कोटेदारों और कम्पनी के अधिकारियों की मिलीभगत से राशन की कालाबाजारी हुई है। सॉफ्टवेयर से छेड़छाड़ कर एक ही आधार नम्बर से ख्0-ख्भ् लोगों को राशन वितरित कर दिया गया। आश्चर्य की बात यह है कि क् से क्9 जुलाई के बीच कनेक्टिविटी नहीं होने के बाद कोटेदारों ने पीओएस को वाई-फाई से कनेक्ट कर राशन का वितरण कर दिया। बरेली में भी फ्00 क्विंटल से अधिक राशन की कालाबाजारी का मामला सामने आया है। जिसकी जांच के बाद क्ख् कोटेदारों पर गाज गिरी है। इनमें से क्0 के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज हो गई है।

राशन वितरण करने से किया इनकार

ऑल इंडिया फेयर प्राइज शॉप डीलर्स फेडरेशन के आह्वान पर उचित दर विक्रेता एसोसिएशन बरेली के पदाधिकारियों ने राशन वितरण से साफ मना कर दिया। उनका कहना है कि भ् सितम्बर से वह राशन का वितरण नहीं करेंगे। कार्रवाई से आक्रोशित दर्जनों कोटेदारों ने एसोसिएशन के नेतृत्व में फ्राइडे शाम भ् बजे के करीब डीएसओ का घेराव कर दिया। उनका कहना है गड़बड़ी सॉफ्टवेयर की वजह से हुई और आरोप उन पर लगाया जा रहा है। पीओएस जमा करने से मना करने पर सभी कोटेदारों ने जमकर नारेबाजी की। इसके बाद सभी इकट्ठा होकर कम्पनी गार्डेन पहुंचे। जहां पर उन्होंने आगे की रणनीति तैयार की। उनका कहना था कि जब तक उनके खिलाफ झूठी कार्रवाई रुक नहीं जाती वह राशन का वितरण नहीं करेंगे।

पीओएस से कैसे मिलता है राशन

राशन कार्ड होल्डर्स को आधार नंबर से लिंक किया गया है। परिवार के सदस्यों का डाटा पीओएस मशीन में रिकॉर्ड है। कोटेदार राशन कार्ड नंबर पीओएस में प्रेस करता है। पीओएस में पूरे सदस्यों की डिटेल आ जाती है। थम्ब इम्प्रेशन के बाद राशन वितरित किए जाने का नियम है। जीपीआरएस बेस्ड होने से सारा रिकॉर्ड पोर्टल पर फॉरवर्ड होता रहता है। ट्रांसपेरेंसी के लिए ऐसी टेक्निक की व्यवस्था की गई है कि पीओएस में किसी भी प्रकार की डिटेल नहीं होगी। सारी चीजें सर्वर पर अपडेट होती रहती हैं। पोर्टल ओपेन कर यह देखा जा सकता है कि कोटेदार ने लाभार्थी के किस सदस्य को कितने बजे, किस दिन और कितना राशन वितरित किया है।

ऐसे रखनी थी कोटेदार पर नजर

नई व्यवस्था के तहत राशन सामाग्री खरीदने पर उपभोक्ताओं को बिल मिलता है। पक्की बिल स्लिप में राशन सामग्री, उसकी मात्रा और दर अंकित होगी। कोटेदार को कितना अनाज आवंटित हुआ है और उसने कितना बांटा है यह सारा रिकॉर्ड पोर्टल रिकॉर्ड होता रहता है। कोटेदार ने यदि आवंटित राशन से कम अनाज वितरित किया है, तो अगले दफा उसे उतना ही कम राशन आवंटित किया जाएगा। जैसे कोटेदार को क्00 क्विंटल गेहूं व चावल आवंटित हुआ है और उसने म्0 क्विंटल ही अनाज बांटा है, तो उसे अगली बार क्00 की जगह म्0 क्विंटल अनाज ही गोदाम से दिया जाएगा। क्योंकि, उसके पास पहले का ब्0 क्विंटल अनाज स्टॉक में है। कालाबाजारी की स्थिति में बाजार भाव से आनाज की कीमत वसूल की जानी थी।

एक नजर जिले पर

- क्7म्भ् कोटेदार टोटल जिले में हैं।

- ब्फ्ख् कोटेदारों की संख्या शहर में हैं।

- शहर के सभी कोटेदारों को पीओएस वितरित हैं।

- क्ख् कोटेदारों पर राशन के कालाबाजारी का लगा आरोप।

- क्0 कोटेदारों पर एफआईआर दर्ज।

8 कोटेदारों पर फ्राइडे को मुकदमा दर्ज हुआ

- वीके बाली - रामपुर गार्डेन।

- अनिल कुमार - आलमगिरी गंज।

- किशन लाल - भूड़।

- नियाज अहमद - छीपी टोला।

- सोहन लाल - परसाखेड़ा।

- हर्ष कुमार अग्रवाल - संजय नगर।

- कमल कुमार - शाहबाद।

- पवन कुमार - आवास विकास।

बॉक्स

कार्ड होल्डर और राशन का आवंटन

- म्,भ्ख्,09क् पात्र गृहस्थी कार्ड होल्डर।

- क्00क्क्.ब्म्फ् मीट्रिक टन गेहूं।

- ब्ख्90.म्ख्7 मीट्रिक टन चावल।

- भ् केजी प्रति यूनिट के हिसाब से।

- साढ़े तीन किग्रा गेहूं।

- डेढ़ किग्रा चावल।

- 99,म्87 अंत्योदय कार्ड होल्डर।

- क्ब्9भ्फ्.0भ् मीट्रिक टन गेहूं।

- क्99फ्7.ब्0 मीट्रिक टन चावल।

- फ्भ् किग्रा प्रति कार्ड।

- क्भ् किग्रा गेहूं।

- ख्0 किग्रा चावल।

मामले की जांच प्रदेश लेवल से ही हो रही है। बरेली में क्ख् कोटेदार जांच के घेरे में आए हैं। क्0 के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है।

सीमा त्रिपाठी, डीएसओ

हम लोगों पर झूठा आरोप लगाया जा रहा है। पीओएस के जरिए जब थम्ब इम्प्रेशन और आधार से लिंक बिना राशन बांटा ही नहीं जा सकता तो गड़बड़ी हम लोग कैसे कर सकते हैं।

हरपाल, कोटेदार दुर्गानगर

पीओएस से एक आधार नम्बर से एक ही लोग को राशन बांटा जा सकता है। दूसरी बार उसी नम्बर से राशन वितरित हो ही नहीं सकता। सॉफ्टवेयर एक्सेप्ट ही नहीं करता है।

अंकुर, कोटेदार इंद्रानगर

Posted By: Inextlive