नियुक्ति में शिक्षा विभाग और प्रशासनिक अधिकारी दोषी।


agra@inext.co.inAGRA : जनता जूनियर हाईस्कूल में टीचर्स नियुक्ति में फर्जीवाड़ा सामने आया है। एसडीएस खेरागढ़ द्वारा जारी रिपोर्ट में इसकी पुष्टि की गई है। अधिकारी द्वारा मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच एसआईटी से कराने की भी संस्तुति की गई है। ऐसे में अगर जांच होती है तो कई बड़े अधिकारी इसमें फंस सकते हैं।ताक पर रख हुई नियुक्ति नामनेर स्थित जनता जूनियर हाईस्कूल पिछले कई दशक से धरातल पर नहीं हैं। इसका खुलासा दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट की टीम द्वारा किया गया था। तत्कालीन बेसिक शिक्षाधिकारी द्वारा बिना स्कूल के ही टीचर्स की नियुक्ति कर दी गई। सूत्रों का कहना है कि इसके एवज में एक बड़ी रकम तत्कालीन बेसिक शिक्षाधिकारी को मुहैया कराई गई थी। अधिकारी ने खानापूर्ति करते हुए ईदगाह स्थित प्राथमिक विद्यायल परिसर में दो कमरों में उक्त स्कूल को संचालित करने के आदेश दिए थे।


वेतन जारी करने को बनाया दबाव स्कूल में नियुक्त टीचर्स का वेतन लेखाधिकारी से साठगांठ कर निकलवाया गया। विभागीय सूत्रों का कहना है कि इस संबंध में एक शिक्षक संघ के अधिकारी द्वारा तत्कालीन लेखाधिकारी पर दबाव बनाया गया था। बाद में उक्त अधिकारी को विजिलेंस ने रिश्वत लेते उनके कार्यालय से गिरफ्तार किया था। शिकायत पर जांच शुरू

नामनेर स्थित जनता जूनियर हाईस्कूल में तीन शिक्षिकाओं की भर्ती की जांच पूर्व एसडीएस खेरागढ़ को सौंपी गई थी। उन्होंने अपनी जांच रिपोर्ट में शिक्षा विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों पर मानकों को ताक पर नियुक्तियों को गलत बताया है। इस संबंध में शुक्रवार को बालूगंज स्थित एक होटल में अधिवक्ता अजय चाहर,अतुल सिरोही और अनिल चाहर ने प्रेस वार्ताकर इसका खुलासा किया है। जनता जूनियर हाईस्कूल में शिक्षिकाओं का चयन गलत तरीके से कर उनका वेतन भी जारी किया गया है। शिक्षिकाओं को बर्खास्त करने और मुकदमा दर्ज कराने की मांग प्रमुख सचिव महेश गुप्ता से की गई है। अजय चाहर, अधिवक्ता

Posted By: Mukul Kumar