मथुरा में बेसिक शिक्षा विभाग के कर्मियों की मिलीभगत से रिश्वत देकर नौकरी ज्वाइन करने वाले फर्जी टीचरों पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है।

- यूपी एसटीएफ ने मंगलवार को किया था फर्जीवाड़े का खुलासा
- तत्कालीन बीएसए एसटीएफ की हिरासत में, पूछताछ जारी
- अन्य जिलों में जांच कराने के लिये बेसिक शिक्षा विभाग से एसटीएफ ने की बातचीत
टीचरों का वेरीफिकेशन करने को कहा

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LUCKNOW : मथुरा में बेसिक शिक्षा विभाग के कर्मियों की मिलीभगत से 10 लाख रुपये की रिश्वत देकर नौकरी ज्वाइन करने वाले 141 फर्जी टीचरों पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। एसटीएफ ऐसे सभी फर्जी टीचरों को जल्द गिरफ्तार कर जेल भेजने की तैयारी में है। इसके पहले उनके खिलाफ साक्ष्य संकलन किया जा रहा है। वहीं, पूरे घोटाले में संदेह के घेरे में आए तत्कालीन बीएसए संजीव कुमार सिंह को एसटीएफ ने कस्टडी में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। इस फर्जीवाड़े को नजीर मानते हुए एसटीएफ ने बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों से पूरे प्रदेश में भर्ती हुए टीचरों का वेरीफिकेशन करने को कहा है।
अरेस्टिंग का सिलसिला जल्द
एसएसपी एसटीएफ अभिषेक सिंह के मुताबिक, अब तक की जांच में मथुरा में 150 फर्जी टीचरों की नियुक्ति की पुष्टि हुई है। इन सभी फर्जी टीचरों ने गिरफ्तार किये गए आरोपियों को 10-10 लाख रुपये रिश्वत देकर बिना आवेदन किये ही नौकरी झटक ली थी और बीते छह महीने से ड्यूटी भी कर रहे थे। उन्होंने बताया कि मंगलवार को खुलासे के दौरान 9 फर्जी टीचरों को अरेस्ट किया गया था। बाकी बचे 141 फर्जी टीचरों का डाटा तैयार किया जा रहा है। साक्ष्य संकलन होते ही इन सभी को गिरफ्तार करने की कार्रवाई शुरू की जाएगी।

बीएसए खुद को बता रहा निर्दोष

गौरतलब है कि एसटीएफ द्वारा खुलासे के वक्त गिरफ्तार किये गए बीएसए दफ्तर के जूनियर क्लर्क महेश शर्मा ने कुबूल किया था कि उसने फर्जी अभ्यर्थियों से 10-10 लाख रुपये वसूले थे। इसमें से दो लाख रुपये उसने रखे जबकि, बाकी 8 लाख रुपये तत्कालीन बीएसए संजीव कुमार सिंह को सौंप दिये थे। इसी के बाद से एसटीएफ संजीव कुमार सिंह की तलाश कर रही थी। सूत्रों के मुताबिक, बुधवार को एसटीएफ ने संजीव कुमार सिंह को ढूंढ निकाला और उसे हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की। बताया गया कि संजीव ने शुरुआती पूछताछ में खुद को निर्दोष बताया। उसने कहा कि यह पूरा फर्जीवाड़ा उसकी बिना जानकारी के अंजाम दिया गया। हालांकि, एसटीएफ इस बयान को संजीव का पैंतरा मानकर पूछताछ कर रही है।
नहीं खुल सका रिकॉर्डरूम
एसएसपी अभिषेक सिंह ने बताया कि खुलासे के वक्त  मथुरा स्थित बीएसए दफ्तर के रिकॉर्ड रूम को वहां के दो अधिकारियों की मौजूदगी में सील कर दिया गया था। बुधवार को एसटीएफ टीम रिकॉर्ड रूम की सील खोलकर दस्तावेज जांचने पहुंची लेकिन, सील करते वक्त मौजूद रहे अधिकारी दफ्तर ही नहीं पहुंचे थे। जिस वजह से रिकॉर्ड रूम को खोलने की कार्यवाही गुरुवार तक के लिये मुलतवी कर दी गई। उन्होंने बताया कि अब गुरुवार को रिकॉर्ड रूम के दस्तावेज जांचने के बाद फर्जी टीचरों की लिस्ट तैयार की जाएगी, साथ ही यह भी पता लगाया जाएगा कि उन्होंने अब तक कितनी सैलरी हासिल की है। इसी के बाद ऐसे सभी टीचरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

बेसिक शिक्षा विभाग कराए जांच

एसएसपी अभिषेक सिंह के मुताबिक, मथुरा में भर्ती घोटाले को लेकर हुए सनसनीखेज खुलासे की पूरी जानकारी एसटीएफ की ओर से बेसिक शिक्षा विभाग को दे दी गई है। उन्होंने बताया कि विभाग को पूरी डिटेल और गिरफ्तार किये गए आरोपियों की मॉडस ऑपरेंडी की जानकारी देने के साथ ही कहा गया है कि प्रदेश भर में बीते दो साल में भर्ती हुए अभ्यर्थियों का वेरीफिकेशन कराया जाये। सूत्रों ने बताया कि जल्द ही बेसिक शिक्षा विभाग पूरे प्रदेश में अभियान चलाकर भर्ती हुए टीचरों का वेरीफिकेशन कराया जाएगा।

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Posted By: Shweta Mishra