‘Nigerian connection’ in forgery
लगाई 62.5 लाख की चपतदिल्ली पुलिस के नार्थ-वेस्ट डिस्ट्रिक्ट के अशोक विहार थाना में सुरेश कुमार ने रिपोर्ट दर्ज करायी थी। रजिस्टर्ड एफआईआर में सुरेश ने आरोप लगाया था कि उसे एक मेल आया था, ये कहा गया था कि उसने 1 मिलियन पौंड (करीब 9 करोड़ 32 लाख) की लॉटरी जीती है। इसके बाद आरोपियों ने सुरेश कुमार को फोन पर कांटेक्ट किया। इनाम के लालच में आकर सुरेश ने अलग-अलग बैंक अकाउंट में 62.5 लाख रुपए डिपोजिट कर दिए। Fake account खोले
दिल्ली पुलिस ने जांच के बाद 25 अप्रैल को बरेली से हरनारायण दीक्षित, चंद्र मोहन जयसवाल और अंकुर मिश्रा को अरेस्ट कर लिया था। हरनारायण का बरेली की पीएनबी ब्रांच में अकाउंट था। इसी अकाउंट में सुरेश ने कुछ रकम डिपॉजिट की थी। इसके अलावा मुकेश कुमार यादव के अकाउंट में सुरेश ने 21 फरवरी को 25 हजार रुपये जमा किए थे। मुकेश कुमार यादव के नाम पर अंकुर मिश्रा ने फेक अकाउंट ओपन किया था। इसके अलावा पटेल चौक स्थित पीएनबी बैंक में स्मिता शुक्ला के फेक अकाउंट में भी पैसा डिपॉजिट किया गया था। निकाल लिया पैसा
जांच में सामने आया कि हरनारायण ने इन फेक अकाउंट्स के डेबिट काड्र्स, चेक बुक्स और पासबुक अपने साथी चंद्र मोहन जयसवाल को दिए थे। चंद्र मोहन ने सारे डाक्युमेंट्स अयूब सैफी को दे दिये थे। अयूब सैफी ने इन फेक अकाउंट से डिपॉजिट किया गया पैसा निकाल किया था। अयूब को दिल्ली पुलिस ने 23 जुलाई को बरेली से अरेस्ट कर लिया। मिलवाया था नाइजीरियन सेपुलिस पूछताछ में अयूब ने बताया कि इस पूरे मामले में सबसे पहले उसके दोस्त अमित प्रकाश ने नाइजीरियन इगबो आकोदिरी उर्फ फ्रैंक से मिलवाया था। अमित अयूब व नाइजीरियन के बीच दुभाषिये का काम करता था। अमित इंग्लिश बोलने में काफी अच्छा है और वह ही नाइजीरियंस से कांटेक्ट करता था। मोबाइल शॉप से रैकेट जांच में सामने आया है कि अयूब स्कूल ड्रापआउट है। वह बटलर प्लाजा में मोबाइल शॉप चलाता था। परतापुर चौधरी निवासी सदाकत के संपर्क में आने के बाद अमित के साथ अयूब खुद यह धंधा करने लगा। सदाकत भी नाइजीरियन को फेक बैंक अकाउंट के डेबिट कार्ड उपलब्ध कराता था। अमित को मोबाइल साफ्टवेयर की अच्छी नॉलेज है। वह अयूब के इशारे पर ही फ्रैंक को ईमेल भेजता व उससे रिसीव करता था। नाम किसी का, फोटो किसी की
पुलिस की गिरफ्त में आए चंद्र मोहन जायसवाल ने ग्रेजुएशन किया है। वह बरेली में बिरला सन लाइफ में हरनारायण के साथ काम करता था। वह हरनारायण से फेक अकाउंट ओपन कराकर अयूब सैफी को दे देता था। हरनारायण भी ग्रेजुएट है। उसने अंकुर मिश्रा व नीतू मिश्रा को इन्ट्रोड्यूज कराकर मुकेश कुमार यादव व स्मिता के नाम पर फेक अकाउंट ओपन किए थे। अंकुर और नीतू हरनारायण के कजिन हैं। जबकि मुकेश और स्मिता पहले हरनारायण के अंडर में काम करते थे। इस कारण हरनारायण के पास उनकी पर्सनल डीटेल थीं जिनको यूज कर उसने फेक अकाउंट ओपन किए थे। अंकुर मिश्रा ने पीएनबी में खुद को मुकेश यादव बताकर फेक अकाउंट ओपन कराया था।