फ़्रांस के कुछ सबसे अमीर लोगों ने बढ़ते सरकारी घाटे से निपटने के लिए सरकार से कहा है कि वो उनपर और अधिक टैक्स लगाए.

सोलह अमीर लोगों ने एक खुला पत्र लिखकर सरकार से मांग की है कि वो विशेष योगदान देने के लिए तैयार हैं। पत्र लिखने वालों में यूरोप की सबसे धनी महिला और लोरियाल की मालकिन लिलिएन बैतनकोर्ट भी शामिल हैं। ये पत्र फ़्रांस की एक वेबसाइट पर छपा है और इसपर देश के प्रभावशाली लोगों के हस्ताक्षर हैं।

पत्र में लिखा है, "हम यानि उद्योग जगत के अगुवा, व्यापारी, और अमीर लोग विशेष योगदान का भुगतान करना चाहते हैं." इस पत्र में इन लोगों ने लिखा है कि उन्हें फ़्रांस की व्यवस्था की वजह से फ़ायदा हुआ है और वे 'फ़्रांस और यूरोप में वित्तीय घाटे की आशंकाओं के दौर में अपना योगदान देना चाहेंगे.'

ग़ौरतलब है कि मशहूर अमरीकी निवेशक वॉरेन बफ़्फ़ेट ने हाल ही में कहा था कि अमरीका के अमीर लोगों को अधिक कर देना चाहिए।

ख़र्चों में कटौती

उधर गुरुवार को फ़्रांस ने अपनी बजट में 16 अरब अमरीकी डॉलर की कटौती का ऐलान किया है। अब फ़्रांस में ओवरटाइम करने वालों, कंपनियों और अधिक तनख़्वाह पाने वालों को ज़्यादा कर देना होगा।

बीबीसी संवाददाता का कहना है कि फ़्रांस समतल विकास दर की ओर बढ़ रहा है और उसकी क्रेडिट रेटिंग में गिरावट का ख़तरा बना हुआ है।

ऐसे में राष्ट्रपति निकोला सार्कोज़ी को उम्मीद है कि कटौतियों के बाद बाज़ार थोड़े संभलेंगे और उन्हें अगले साल होने वाले राष्ट्रपति चुनावों में भी इसका कुछ फ़ायदा होगा।

Posted By: Inextlive