फ्रांस के राष्ट्रपति ने समलैंगिक शादियों को मंज़ूरी देने वाले विधेयक पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. इसके साथ ही फ्रांस समलैंगिक शादियों को कानूनी दर्जा देने वाला यूरोप का नौवां और दुनिया का 14वां देश हो गया है.

राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने विधेयक पर हस्ताक्षार करते हुए कहा, “मैंने फ़ैसला कर लिया है, और ज़रूरत है कि मुल्क को क़ानून का सम्मान किया जाए.”

इससे पहले शुक्रवार को सवैंधानिक परिषद ने दक्षिणपंथी विपक्षी पार्टी यूएमपी की ऐसी शादियों पर उठाए गए ऐतराज़ को खारिज कर दिया था.

यह कहा जा रहा है कि समलैंगिक शादियों को मान्यता मिलने से गोद लिए जाने वाले बच्चों को अधिकार स्वाभाविक रूप से मिल जाएंगे.

फ़्रांस के पूर्व राष्ट्रपति निकोला सरकोज़ी की दक्षिणपंथी पार्टी यूएमपी समलैंगिक शादियों का विरोध करती रही है. उनके दल को कैथोलिक और प्रोटेस्टेंट दोनों चर्चों का समर्थन प्राप्त है.

विरोधियों का कहना है कि समलैंगिक शादियों को मान्यता देने से समाज के आधार स्तंभ ही ढह जाएंगे. समलैंगिक शादियों को मान्यता दिए जाने के विरोध में जनवरी में हुए पेरिस में प्रदर्शन में करीब तीन लाख के अधिक लोग शामिल हुए थे.

Posted By: Garima Shukla