Gorakhpur : आज फिर वह रात है जिस दिन न तो मैरेज सीजन रहता है और न ही शमियाना में बैंड-बाजा बजता है मगर दुल्हन लगभग हर घर में नजर आती है. लाल जोड़े में सजी दुल्हन जेवरों से लदी रहती है. वह पब्लिक को दिखाने के लिए नहीं बल्कि अपने सात जन्मों के हमसफर के लिए सजती संवरती है. फिर चाहे उनकी शादी को एक साल हुए हो या फिर 40 साल. हम बात कर रहे हैं करवाचौथ व्रत की जिसे मैरिड कपल्स प्यार के दिन के रूप में मनाते है क्योंकि गल्र्स के लिए चांद पर भले ही दाग है पर उनके सजना बेदाग है. ऐसे ही है सिटी के लोरिक प्रसाद यादव और उनकी वाइफ किरन प्रसाद जिन्होंने शादी के 39 करवाचौथ एक साथ देखे मगर अभी भी उन्हें देख यह कहना मुश्किल होता है कि ये एक अच्छे दोस्त हैं या हसबैंड-वाइफ या फिर एक लव बर्ड.


11 साल बाद दोस्त बनी वाइफ
एयरफोर्स से वारंट अफसर की पोस्ट से रिटायर हुए लोरिक प्रसाद यादव ने 1965 में एयरफोर्स ज्वाइन की थी। लोरिक के भाई भगवती प्रसाद भी एयरफोर्स में थे। 1963 में जब लोरिक पढ़ाई कर रहे थे, तभी उनके भाई भगवती के साथ एयरफोर्स में ट्रांसफर होकर हेनरी अपनी फैमिली के साथ आए। धीरे-धीरे लोरिक और हेनरी की फैमिली में काफी मेलजोल हो गया और संबंध दोस्ताना बन गया। हेनरी की बेटी किरन दिल्ली में पढ़ाई कर रही थी। उस दौरान वह छुïट्टी पर आई थी। मेलजोल बढऩे के साथ लोरिक और किरन में अच्छी दोस्ती हो गई। हेनरी के कहने पर ही लोरिक ने एयरफोर्स की तैयारी की और ज्वाइन किया। इससे पहले लोरिक को रेलवे और आर्मी में मौका मिल रहा था। 1963 की दोस्ती को लोरिक ने 1974 में शादी के रिश्ते में बदल दिया। लोरिक और किरन की शादी को 39 साल बीत गए हैं, पर उनका रिश्ता अभी भी कॉलेज गोइंग कपल्स की तरह है। लोरिक और किरन के लिए करवा चौथ भी किसी बड़े प्रोग्राम से कम नहीं है। क्योंकि ये लोग करवा चौथ को उस समय से धूमधाम से मना रहे हैं, जब शायद कोई जानता भी नहीं था। अब तो ये फिल्मी फेस्टिवल की तरह हो गया है। लोरिक और किरन के साथ करवा चौथ को अब उनके दो बेटे और बहू भी धूमधाम से मनाते है।

Posted By: Inextlive