- कानपुर समेत पूरे उत्तर प्रदेश में खुद को सरकारी अफसर बताने वाले जालसाजों का गिरोह सक्रिय

- झूठ बोलकर लोगों से ऐंठ रहे पैसे, नकली लेटर हेड पर ज्वाइनिंग लेटर

- कानपुर में पकड़ा गया सनसनीखेज मामला, अफसरों ने दिये जांच के आदेश

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KANPUR : उत्तर प्रदेश में एक फर्जी सरकार भी चल रही है। सूट-बूट और महंगे-मंहगे स्मार्टफोन रखने वाले जालसाल खुद को इस फर्जी सरकार का नुमाइंदा बताकर भोले-भाले लोगों को नौकरी का लालच देकर उनसे मोटी रकम ऐंठ रहे हैं। पढ़कर आपको ताज्जुब जरूर हो रहा होगा, लेकिन बात सौ फीसदी सच है। ऐसे ही फर्जीवाड़े का खुलासा जब डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन के सामने हुआ तो ऑफिसर्स तक के होश उड़ गये।

एप्वाइंटमेंट के नाम पर ठगी

फर्जीवाड़े का मामला मृतक आश्रित कोटे में जॉब के लिए भटक रही सीमा मौर्या से जुड़ा है। सीमा के पिता भगवती मौर्या आजमगढ़ तहसील में लेखपाल थे। सन-क्99फ् में जब उनकी डेथ हुई तो उसकी उम्र म् साल थी। इस बीच बीए कम्प्लीट करने के बाद उसने मृतक आश्रित कोटे में जॉब के लिए एप्लाई किया। तभी उसकी मुलाकात पीएस त्रिपाठी से हुई, जिसने खुद को सरकारी अफसर बताकर सीमा को जॉब दिलवाने का आश्वासन दिया और बदले में फ्भ् हजार रूपए भी ऐंठ लिये।

कानपुर में दिलवाई ज्वाइनिंग

इस पूरे प्रकरण में फर्जीवाड़े का खुलासा जब सीमा अपने फैमिली मेम्बर के साथ डीएम ऑफिस पहुंची। सीमा ने जब लखनऊ से बाई पोस्ट मिला ज्वाइनिंग लेटर एडीएम सिटी अविनाश सिंह को दिखाया तो वो भी चौंक पड़े। दरअसल, ज्वाइनिंग के आदेश शासन के जिस लेटर हेड पर लिखे थे, वो पूरी तरफ फर्जी था। लेटर की भाषाशैली गड़बड़ होने के साथ ही आदेश जारी करने वाले अफसर का नाम गायब था। हैरानी की बात यह कि मामला मऊ जिले का है, लेकिन उस पर आजमगढ़ लिखा था। ट्रेजरी चालान लखनऊ में जमा करवाया गया, लेकिन ज्वाइनिंग कानपुर में दी गई।

ट्रेजरी चालान भी फर्जी

सीमा को अपने जाल में फंसाने के लिए ठगों ने क्0 हजार रूपए का फर्जी ट्रेजरी चालान तक बनवा डाला। ज्वाइनिंग लेटर के साथ जालसालों ने यह ट्रेजरी चालान भी भेजा है। चीफ ट्रेजरी ऑफिसर से जब चालान को क्रॉस चेक करवाया गया, तो वह भी फर्जी निकला। सरकारी लेटर हेड की हूबहू नकल करने वाले फर्जी लोगों की धरपकड़ के आदेश दिये गये हैं। विक्टिम सीमा ने बताया कि जालसाजी करने वाला व्यक्ति जेके टैम्पल के बाहर मिलता था। एडीएम सिटी ने जब जालसाज के फोन नंबर 7फ्7म्भ्क्80म्भ् पर कॉल किया, तो फोन स्विच ऑफ मिला।

आप जरा ध्यान रखें

सीमा की तरह आप जालसालों से झांसे में न पड़ें, इसके लिए इन बातों का जरा खास ध्यान रखें

- यूपी गवर्नमेंट के लेटर हेड पर एम्बलम ब्लू कलर का होता है, जबकि फर्जी लेटर पर रेड कलर का स्कैन एम्बलम प्रिंट था।

- लेटर हेड पर आदेश जारी करने वाले अफसर का नाम लिखा होता है। मगर, यहां ऐसा कुछ भी नहीं था।

- मृतक आश्रित कोटे में नौकरी उसी जनपद में लगती है, जहां का मामला होता है।

- कोटे के अन्तर्गत नौकरी में किसी तरह का पैसा नहीं लिया जाता। ना ही कोई ट्रेजरी चालान जमा करवाया जाता है।

Posted By: Inextlive