AGRA 24 Jan. : दिमाग की बढ़ती उम्र का निदान अब एमआरआई से संभव है. पीलिया की पहचान अल्ट्रासाउंड व एमआरआई से आसानी से हो सकती है. लिवर की गांठों को ठीक से डायग्नोज करने मेंं एडवांस अल्ट्रासाउंड टेक्नीक उपयोगी है. यह सारी बातें होटल जेपी पैलेस में चल रही इंटरनेशनल रेडियोलॉजिस्ट कॉन्फ्रेंस के दौरान डॉक्टर्स ने कही.


एमआरआई से पता चलेगी दिमाग की शक्तिउम्र बढऩे के साथ ही दिमाग में नॉर्मल या एबनॉर्मल बदलाव आने लगते हैं। एबनॉर्मल बदलावों के कारण दिमाग के सोचने की क्षमता कम होती जाती है। दिमाग की कार्यप्रणाली इससे प्रभावित होने लगती है। नीदरलैंड के डॉ। मार्क वैन बकैम ने बताया कि इसके सही कारणों की जांच के लिए ही थ्री टैक्सला या 07 टैक्सला एमआरआई उपयोगी है। इससे पता लगाकर अल्जाइमर डिमेंशिया और वैस्कुलर डिमेंशिया दोनों का इलाज किया जा सकता है। यह काफी फायदेमंद है।कई विचारों का हुआ आदान-प्रदानफोर्टिस हॉस्पिटल, गुडग़ांव के डॉ। आरके गुप्ता ने होल बॉडी एमआरआई के बारे में बताया। अमेरिका के डॉ। विक्रम डोगरा ने लिवर की गांठों का परीक्षण करने में अल्ट्रासाउंड को उपयोगी बताया। पूना के डॉ। सुधीर गोखले ने पीलिया की जांच के लिए एमआरआई को सही बताया। कोचीन में होगी अगली कॉन्फ्रेंस
67वीं कॉन्फ्रेंस के बाद 68वीं कॉन्फ्रेंस की तैयारी भी साथ-साथ शुरू हो गई है। यह कांफ्रेंंस कोचीन में होगी। इरिया के प्रेसीडेंट डॉ। राजेश कपूर ने अर्ली बर्ड रजिस्ट्रेशन काउंटर का उद्घाटन किया।

Posted By: Inextlive