भारतीय रिटेल कारोबार में विलय व अधिग्रहण की गतिविधियां जोर पकडऩे लगी हैं. किशोर बियानी के नेतृत्व वाला फ्यूचर ग्रुप भारती रिटेल को अपने नियंत्रण में लेगा.


फ्यूचर ग्रुप और भारती रिटेल  750 करोड़ रुपये का यह सौदा पूरी तरह से शेयर अदला बदली के आधार पर होगा. भारती रिटेल के फ्यूचर ग्रुप के खुदरा कारोबार से मिलने के बाद यह देश में सबसे बड़ी सुपरमार्केट चेनों में से एक बन जाएगी.  इसका टर्नओवर 15 हजार करोड़ रुपये का होगा.  तेजी से बढ़ते देश के रिटेल सेक्टर में दो दिन के भीतर यह दूसरी प्रमुख घोषणा है. रविवार को आदित्य बिड़ला समूह ने अलग-अलग फैले अपने सभी अपैरल रिटेल बिजनेस को एक कंपनी के नीचे लाने एलान किया था.


फ्यूचर और भारती समूह के बीच यह सौदा दो स्तर पर होगा. इसमें दोनों समूहों के रिटेल इंफ्रास्ट्रक्चर को फ्यूचर रिटेल में विलय करना भी शामिल है. इससे तहत दो अलग-अगल कंपनियां बनाई जाएंगी. एक फ्रंट-एंड रिटेल के लिए और दूसरी इंफ्रास्ट्रक्चर गतिविधियों की खातिर होगी। फ्यूचर ग्रुप के प्रमोटरों की दोनों कंपनियों में अलग-अलग 46-47 फीसद हिस्सेदारी होगी. भारती रिटेल के पास इन दोनों में करीब 15-15 फीसद हिस्सेदारी होगी. सौदे के तहत भारती रिटेल को तुरंत 500 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर मिलेंगे, जबकि अन्य 250 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों को बाद में तब्दील किया जाएगा. इजीडे और बिग बाजार पर नहीं पड़ेगा प्रभाव

फ्यूचर ग्रुप के सीईओ किशोर बियानी ने कहा, ‘हम अपने रिटेल बिजनेस का विलय कर दो अलग-अलग कंपनियां बनाएंगे. इनका कुल टर्नओवर 15 हजार करोड़ रुपये होगा.’ दोनों नई कंपनियों में भारती का एक-एक सदस्य होगा. भारती के ईजीडे चेन स्टोर और फ्यूचर के बिग बाजार स्टोर यथावत चलते रहेंगे. भारती रिटेल बिजनेस से बाहर नहीं निकल रही इस बात पर जोर देते हुए भारती एंटरप्राइज के वाइस चेयरमैन राजन भारती मित्तल ने कहा, ‘हम केवल विलय कर रहे हैं. तेज ग्रोथ के लिए इसकी जरूरत थी. यह दोनों कंपनियों के लिए फायदेमंद है.’ उनकी यह बात इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि 2013 में भारती कैश एंड कैरी से जुड़े संयुक्त उद्यम में अपने साझेदार वॉलमार्ट से अलग हुई थी. अब नए सौदे से कयास लगाए जाने लगे हैं कि भारती खुदरा कारोबार से पूरी तरह बाहर जा रही है.

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Posted By: Molly Seth