दुनिया के धनी देशों के समूह जी-8 की अमरीका में हो रही बैठक में यूरोपीय देशों के आर्थिक संकट का साया दिख रहा है.

वहाँ इस दावे से खलबली मची हुई है कि जर्मनी की चांसलर एंगेला मर्केल कहा है कि ग्रीस को यूरोज़ोन में रहने न रहने पर विचार करना चाहिए। वैसे इस बैठक में ईरान और उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रमों और सीरिया पर भी चर्चा होगी।

इस बैठक से पहले अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और फ़्रांस के नए राष्ट्रपति फ़्रांस्वां ओलांडे की मुलाकात हुई है और उन्होंने साफ़ किया है कि उनकी प्राथमिकता आर्थिक विकास है। बराक ओबामा ने कहा है कि यूरोप के आर्थिक संकट को सुलझाना अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। एंगेला मर्केल ने कहा है कि वे आर्थिक संकट से निपटने के लिए सरकारी खर्चों में कटौती की पक्षधर हैं।

ग्रीस को लेकर खलबली

यह दावा किया गया है कि एंगेला मर्केल ने ग्रीस को सुझाव दिया है कि उसे यूरोज़ोन में रहने न रहने पर विचार करना चाहिए और इसके लिए जनमत संग्रह करवाना चाहिए। हालांकि इस दावे का जर्मनी ने खंडन कर दिया है। लेकिन इसे लेकर खलबली मची हुई है।

निवेशक मानते हैं कि यदि ग्रीस यूरोज़ोन से हटता है तो यह नए वैश्विक संकट की शुरुआत होगी। पिछले दिनों हुए चुनाव के बाद सरकार के गठन के लिए कोई सहमति न बन पाने के बाद पिछले हफ़्ते ही एक कामचलाऊ सरकार का गठन हुआ है।

इस खलबली के बीच ये सवाल भी पूछे जा रहे हैं कि क्या कामचलाऊ सरकार को जनमतसंग्रह करवाने का अधिकार है। अब वहाँ 17 जून को नए चुनाव होने हैं। इन चुनावों के नतीजों से तय होगा कि वहाँ सरकारी खर्चों में कटौती जारी रहेगी या नहीं, जिसके लिए निवेशक लगातार दबाव बनाए हुए हैं। कहा जा रहा है कि यदि ग्रीस यूरोज़ोन से निकलता है तो कर्ज से निपटने में लगे स्पेन और इटली के लिए मुश्किलें बढ़ जाएँगीं।

Posted By: Inextlive