क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ: शनिवार से आईपीएल का 12वां सीजन शुरू हो गया. मैच के शुरू होते भी ही राजधानी रांची में सट्टा बाजार भी सज गया. रोजाना करोड़ों रुपए की हेरा-फेरी की तैयारी कर ली गई है. सट्टेबाजों की नजर में चेन्नई सबसे मजबूत और दिल्ली सबसे कमजोर टीम मानी जा रही है और उसी अनुसार उसके रेट भी तय किए गए हैं.

हर बॉल पर दांव

क्रिकेट प्रेमियों के अलावा एक वर्ग ऐसा भी है जो मैच के टॉस से लेकर हर बॉल को गंभीरता से देखता है और हर गेंद पर दांव लगेगा. सट्टे के इस खेल में कोई एक झटके में कंगाल होगा, तो कोई एक झटके में मालामाल हो जाएगा. राजधानी रांची में आईपीएल के मजबूत मैच में लगभग 5 करोड़ तक सट्टेबाजी लग जाती है और पूरे सिरीज के दौरान कुल आंकड़ा सौ करोड़ के पार चला जाता है.

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इन इलाकों में सट्टेबाजी

-रातू रोड

-अपर बाजार

-लालपुर

-मेन रोड

-हरमू

-बहूबाजार

-चुटिया

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व्यापारियों से लेकर यूथ भी

इस खेल में शहर के व्यापारियों से लेकर युवा तक शामिल हैं. दिल्ली, मुंबई और दुबई में बैठे सट्टा बाजार के मास्टर लोकल एजेंट्स के माध्यम इस बार के आइपीएल में भी अपना कारोबार राजस्थान, यूपी, बिहार और झारखंड सहित अन्य राज्यों में फैलाए हुए हैं. नए ग्राहक सोच-समझकर बना रहे हैं और पुराने ग्राहक पहले से इनके संपर्क में हैं.

क्रिमिनल करते हैं वसूली

मिली जानकारी के अनुसार, रांची में आईपीएल मैच के दौरान सट्टा लगाने वाले कई एजेंट्स ऐसे हैं, जिनका अपराधी किस्म के लोगों से कनेक्शन है. ये एजेंट अपराधी किस्म के लोगों के जरिए ही पैसा वसूली करते हैं और हवाला के जरिए रुपया बड़े एजेंट को पहुंचाने का काम कर रहे हैं.

पुलिस की सुस्ती

यह पूरा नेटवर्क लैपटॉप, मोबाइल, वाइस रिकॉर्डर वगैरह पर ही चलता है. इसमें एजेंटों को नेता से लेकर अपराधी किस्म के लोगों का संरक्षण प्राप्त रहता है. हालांकि यह खेल पिछले कई सालों से चल रहा है. पुलिस के सुस्त रवैये से इनका खेल आज भी जारी है.

कोड वर्ड का गेम

क्रिकेट के सट्टे का बाजार कोड वर्ड का है और इस खेल में कोड है. खास बात यह है कि सट्टा लगाने वाले शख्स को लाइन कहा जाता है, जो एजेंट यानी पंटर के जरिए बुकी (डिब्बे) तक बात करता है. एजेंट को एडवांस देकर अकाउंट खुलवाना पड़ता है,जिसकी एक लिमिट होती है. सट्टे के भाव को डिब्बे की आवाज बोला जाता है. सट्टेबाज 20 ओवर को लंबी पारी, दस ओवर को सेशन और छह ओवर तक सट्टा लगाने को छोटी पारी खेलना कहते हैं. मैच की पहली गेंद से लेकर टीम के जीत तक भाव चढ़ते-उतरते हैं.

कैसे लगता है रुपया

आईपीएल मैच के दौरान सट्टे के इस खेल में मैच शुरू होने से पहले दोनों टीम का रेट जारी किया जाता है, जो हर गेंद से लेकर टीम की जीत तक भाव चढ़ते-उतरते हैं. इसी दौरान मैच में सट्टा लगाने वाले अपनी मनपसंद टीम पर भाव के हिसाब पर रुपया लगाते है. अगर टीम जीत जाती है तो भाव के हिसाब से रुपया मिलता है और अगर टीम हार जाती है, तो एजेंट को रुपया देना होता है.

वर्जन

सट्टा खेलाने वालों पर नजर रखी जा रही है. जहां सूचना मिलेगी कार्रवाई जरूर की जाएगी. इसके लिए सभी थानों की पुलिस को अलर्ट किया गया है.

अनीश गुप्ता, एसएसपी, रांची

Posted By: Prabhat Gopal Jha