केस 1 : मवाना की रहने वाली श्वेता शर्मा ने प्राइवेट कॉलेज से बीएड किया। उसका नाम गलती से सविता शर्मा आ गया था। उसने सुधार में अप्लाई किया। इसके बावजूद उसके पास जो मा‌र्क्सशीट पहुंची उसमें कुछ सुधार नहीं हुआ। उसने बताया कि दोबारा मा‌र्क्सशीट सही करवाने की बात की तो पैसे मांगे गए और उसकी कोई रसीद भी नहीं मिली।

केस 2 : बागपत से एमबीए करने वाले सुशांत गिरी ने बताया कि उसकी मा‌र्क्सशीट जैसे-तैसे घर पहुंची, लेकिन उसमें कोई सुधार नहीं हुआ। गलती से एबसेंट आ गई थी। सुधार के पैसे लिए गए, लेकिन कुछ नहीं किया गया।

केस -3 बीएड की रश्मि रानी ने बीते साल अगस्त में मा‌र्क्सशीट के लिए अप्लाई किया था, लेकिन अभी तक मा‌र्क्सशीट नहीं पहुंची। अब मा‌र्क्सशीट पहुंची तो उसका नाम गलत आ गया। विभाग में सही करवाने के पैसे मांगे जा रहे हैं।

Meerut। सीसीएसयू में सुधार के लिहाज से चलाया जाने वाला सिंगल विंडो सिस्टम पर मोटी कमाई का आरोप लग रहा है। यूनिवर्सिटी में जारी खेल के केवल तीन किस्से नहीं हैं, बल्कि ऐसे न जाने कितने केस होंगे। स्टूडेंट्स के अनुसार उनको आज भी मा‌र्क्सशीट के लिए उतने ही चक्कर काटने पड़ते हैं, जितने पहले। सिस्टम शुरू करते वक्त यूनिवर्सिटी ने छात्रों को मार्कशीट एक हफ्ते में जारी करने का दावा किया था, लेकिन अब मार्कशीट के हर आवेदन में एक महीने का समय लग रहा है। स्टूडेंट्स के मुताबिक गोपनीय विभाग में अराजकता चरम पर है और यूनिवर्सिटी प्रशासन पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए है। सिंगल विंडो सिस्टम की आड़ में उगाही का तगड़ा खेल चल रहा है।

गलत ही मा‌र्क्सशीट लौटा रहे

यूनिवर्सिटी के गोपनीय विभाग में मा‌र्क्सशीट में होने वाली गड़बडि़यों को लेकर फॉर्म भरे जाते हैं। ऐसे में सुधार के लिए भरे जाने वाले फॉर्म की फीस लगती है। वहीं कुछ माइग्रेन सर्टिफिकेट व प्राइवेट डुप्लिकेट मा‌र्क्सशीट के लिए भी अप्लाई करते हैं। फॉर्म की कीमत 200 रुपए तक होती है। ऐसे में दिए गए समय पर घर में मा‌र्क्सशीट तो पहुंच रही है, लेकिन बिना किसी सुधार के। छात्रों के अनुसार उनसे बिना किसी पर्ची के दोबारा अप्लाई के पैसे लिए जा रहे हैं, जिसकी कोई रसीद नहीं मिल रही है।

कमियां दिखाकर खेल

सिंगल विंडो सिस्टम में मा‌र्क्सशीट में आवेदन करने वाले छात्रों के घर पर खाली लिफाफेभी पहुंच रहे हैं। कुछ में आवेदन में कमियां लिखकर भेजी जा रही हैं, जबकि ये सभी कमियां आवेदन के समय ही स्पष्ट हो जानी चाहिए। लेकिन गोपनीय विभाग के कुछ कर्मचारी इस तरह की कमियां दिखाकर आनाकानी कर रहे हैं और पैसे वसूल रहे है।

सीट का भी चल रहा है खेल

यूनिवर्सिटी में सीट को लेकर भी सेटिंग का खेल जारी है। चहेते कर्मचारियों को मनमानी सीट दी जा रही हैं जबकि लॉबिंग से बाहर के कर्मचारियों के ट्रांसफर किए जा रहे हैं। कुछ विभागों में ऐसे कर्मचारियों के ट्रांसफर किए गए, जिनकी छवि दागदार है। कैंपस में कर्मचारियों के ट्रांसफर को कुछ खास लोग मैनेज कर रहे हैं। विभाग में मार्कशीट के आवेदन, उनका निस्तारण और स्पीड पोस्ट का कोई आंकड़ा यूनिवर्सिटी के पास नहीं है, जबकि पूर्व में हर हफ्ते जारी होता था।

सिंगल विंडो सिस्टम की अभी शुरुआत है, इसलिए कुछ कमियां रह सकती हैं, जिनकी समीक्षा की जा रही हैं। प्रयास किया जाएगा कि छात्रों के हित में महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएं। बाकी जांच की जा रही है, अगर कोई कर्मचारी पकड़ा जाता है तो कार्रवाई होगी।

ज्ञान श्रीवास्तव, रजिस्ट्रार, सीसीएसयू

Posted By: Inextlive