महात्मा गांधी के खून वाली घास और वहाँ की मिट्टी ब्रिटेन में नीलाम की जा रही है.

17 अप्रैल को ब्रिटेन के श्रॉपशायर में होने वाली इस नीलामी में महात्मा गांधी की कई अन्य निशानियाँ भी नीलाम होंगी। इनमें महात्मा गांधी का गोल चश्मा, एक चरखा, उनकी निजी प्रार्थना पुस्तक, दस्तखत वाली चिट्ठियाँ शामिल हैं।

ब्रिटेन का चर्चित ऑक्शन हाउस मुलॉक्स ये नीलामी कर रहा है। मुलॉक्स का कहना है कि उसे महात्मा गांधी की इन निशानियों से करीब 85 लाख रुपए मिलने की उम्मीद है।

महात्मा गांधी को वर्ष 1948 में नई दिल्ली में गोली मार दी गई थी। पीपी नाम्बियार का दावा है कि उन्होंने घटनास्थल से मिट्टी और घास उठा ली थी।

दावामुलॉक्स का कहना है कि उसे ये सामग्री पीपी नाम्बियार के पत्र के साथ मिली थी, जिसमें उन्होंने बताया है कि कैसे उन्होंने 30 जनवरी 1948 को घास और मिट्टी उठाई थी।

इस पत्र में नाम्बियार ने लिखा है- मुझे घटनास्थल से घास पर खून की एक बूंद मिली, जो सूख चुकी थी। मैं घास को काटा और वहाँ की मिट्टी भी उठा ली। वही पड़े एक हिंदी अखबार के पन्ने में मैंने इसे लपेट लिया।

लेकिन महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी ने इस पर खेद जताया है। समाचार एजेंसियों से बातचीत में उन्होंने कहा कि वे किसी को नीलामी से तो रोक नहीं सकते, लेकिन महात्मा गांधी के खून की कुछ बूंदों वाली मिट्टी और घास की बात निंदनीय लगती है।

महात्मा गांधी फाउंडेशन नाम की एक संस्था चलाने वाले तुषार गांधी ने कहा, "वो पीढ़ी, जो ऐसी निशानियों को सम्मानपूर्वक रखती थी, अब नहीं रही। जिस पीढ़ी को ये चीजें उत्तराधिकार में मिली हैं, वो इसे एक व्यावसायिक नजरिए से देखती है." उन्होंने कहा कि सरकार हमेशा ऐसी नीलामियों से अनजान रहती है और नीलामी के बाद उसकी नींद खुलती है।

Posted By: Inextlive