सरुरपुर के भदौड़ा गांव में सोमवार को जबर्दस्त गैंगवार हुआ. बदमाशों की रंजिश और वर्चस्व की लड़ाई में बदमाश प्रमोद भदौड़ा मारा गया.


सरुरपुर के भदौड़ा गांव में सोमवार को जबर्दस्त गैंगवार हुआ। बदमाशों की रंजिश और वर्चस्व की लड़ाई में बदमाश प्रमोद भदौड़ा मारा गया। सोमवार को गांव में एक तेरहवीं में आए कुख्यात उधम सिंह और उसके शूटर्स ने सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में प्रमोद भदौड़ा को गोलियों से छलनी कर दिया। इतनी गोलियां मारी कि शरीर के चिथड़े उड़ गए। खून के छींटे दूर तक बिखर गए। हत्या करने के बाद उधम सिंह ने तेरहवीं में शामिल होने आए लोगों से माफी मांगी और शूटर्स साथियों के साथ गाड़ी में बैठकर निकल गया।गांव में तेरहवीं थी


सोमवार को भदौड़ा गांव में डॉ। सुभाष के यहां उनके पिता धर्मपाल की तेरहवीं थी। तेरहवीं में गांव के सैकड़ों लोग मौजूद थे। करीब साढ़े ग्यारह बजे उधम सिंह अपने साथ चार शूटर्स को लेकर तेरहवीं में पहुंचा। तेरहवीं में नामी अपराधी प्रमोद भदौड़ा भी शामिल होने आया था, जो खाना खाने के बाद डॉ। सुभाष के घर के बाहर पड़े मूढ़े पर बैठा था। उधम सिंह ने करीब बीस मिनट तक खाना खाया। खाना खाने के बाद अपने शूटर्स के साथ बाहर निकले उधम सिंह ने प्रमोद भदौड़ा को देखा।प्रमोद को भून डाला

प्रमोद भदौड़ा को देखते ही उधम सिंह का खून खौल उठा। उसने प्रमोद भदौड़ा के पास पहुंचकर अपनी पिस्टल निकाली और गोलियां बरसा दी। शूटर्स ने भी राइफल और नाइन एमएम पिस्टल से गोलियां दागनी शुरू कर दीं। बदमाशों ने प्रमोद के सिर में इतनी गोलियां मारी कि सिर के चिथड़े उड़ गए। शरीर के चिथड़े दूर तक बिखर गए। बताया गया है कि दनादन करीब तीस गोलियां मारी गईं। इतनी गोलियां लगने के बाद तो उसकी बचने की कोई उम्मीद नहीं थी।‘गांव वालों मुझे माफ करना’

मौके पर मौजूद लोगों के मुताबिक मूढ़े से नीचे गिरे पड़े प्रमोद भदौड़ा के पास हथियार लेकर खड़ा उधम सिंह गांव वालों से अपनी नृशंस करतूत के लिए माफी मांग रहा था। तेरहवीं में शामिल होने आए लोगों के ऐतराज को उसने भांप लिया था। उसने कहा- ‘डॉ। साहब और गांव वालों, मुझसे गलती हुई है। मैंने रंग में भंग डाला है, मुझे माफ कर देना। इसने (प्रमोद भदौड़ा) पूरे गांव में आतंक और तबाही मचा रखी थी। इसने मेरे पीछे शूटर लगा रखे थे। अगर मैं इसे न मारता तो ये मुझे मार देता। मैं इसे यहां कतई नहीं मारना चाहता था, लेकिन यह बाहर कहीं भी नहीं मिला। आज मिला तो मैंने मार दिया.’ इसी बीच प्रमोद के साथ रहने वाले गांव के नेपाल मलिक ने उधम सिंह से कहा, उधम सिंह तूने ये अच्छा नहीं किया? उधम सिंह ने - अंगुली दिखाते हुए कहा, तू तो चुप रह। तुझे याद नहीं तेरे भाई मास्टर जी को इसने लाठी डंडों से पीट-पीटकर मार दिया था और तू इसका पक्ष ले रहा है। तू भी आएगा तो तुझे भी मार दूंगा। इसके भाई योगेश को भी नहीं छोड़ूंगा, जेल से बाहर आएगा तो मारूंगा और नहीं तो जेल में मार दूंगा.’ इसके बाद उधम सिंह सफारी में बैठकर अपने साथियों के साथ निकल गया।

Posted By: Inextlive