RANCHI: जेल से पैरोल पर छूटने के बाद संदीप थापा रातू रोड में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के पास स्थित एक मकान पर कब्जा करना चाहता था। इस मकान पर विकास सिंह भी कब्जा करना चाहता था। इस बात की जानकारी जब संदीप थापा को मिली तो उसने उक्त मकान में रह रहे कंपाउंडर को मकान खाली करने के लिए कहा था। मकान खाली नहीं करने की सूरत में उसे अंजाम भुगतने की भी धमकी दी थी। कंपाउंडर रातू रोड में एक मेडिकल हॉल में काम करता है। हालांकि, इस बाबत कंपाउंडर ने सुखदेवनगर थाने में डर से प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई थी।

मटका का धंधा

संदीप थापा के पिता जय प्रधान भी साक्षी उपवन की गली में स्थित एक पान गुमटी में मटका की रसीद काटते थे। मटका की रसीद काटकर जय प्रधान ने न सिर्फ अपने परिवार का पेट पाला, बल्कि 35 सालों तक यही काम किया। संदीप थापा को इसकी जानकारी थी। इसलिए वह जेल से पैरोल पर छूटने के बाद उसने अपने पिता के नक्शे कदम पर चलना ज्यादा मुनासिब समझा। इसी बाबत उसने रातू रोड में थाने में मौजूद कुछ पुलिसकर्मियों को मिलाकर चोरी छिपे मटका का धंधा शुरू किया था।

जमीन का कारोबार

संदीप थापा जमीन के कारोबार में भी उतर गया था। उसने स्व रामाधार सिंह के बेटे गौतम सिंह के साथ मिलकर जमीन का कारोबार भी शुरू किया था। संदीप थापा की योजना थी कि वह जेल या बाहर रहकर जमीन का धंधा करेगा। इस बाबत उसने गौतम सिंह से मिलकर एक रेस्टॉरेंट में बैठकर प्लानिंग की थी। उसने हरमू रोड में भी एक दो जमीन पर हाथ डालने की जुगत भिड़ा रहा था। इसी क्रम में वह पकड़ा गया।

Posted By: Inextlive