-ज्यादातर घाट समाए पानी में, गलियों में चलने लगी नांव

-वरुणा ने भी धारण किया है रौद्र रूप, घर छोड़ पलायन पर लोग

बाढ़ से गंगा उफान पर है तो वरुणा ने भी रौद्र रूप धारण कर लिया है। चेतावनी बिंदू पर पहुंच चुकी गंगा फिलहाल स्थिर है लेकिन तटीय एरिया वासियों के पलायन का सिलसिला जारी है। दो दिन पहले ही ज्यादातर घाट डूब चुके थे लेकिन बुधवार को जलस्तर और ऊपर पहुंच चुका है। स्थिति यह हो गई है कि अस्सी घाट को जाने वाले खड़ंजा मार्ग पर सुबह-सुबह नाव का संचालन भी करते देखा गया। यही स्थिति अन्य घाटों की भी बन गई है। नाव को सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाने के लिए नाविक दिन भर जदेजहद करते रहे। केंद्रीय जल आयोग की मानें तो बुधवार को रात आठ बजे तक गंगा 70.18 मीटर पर रही। पानी स्थिर बताया गया। उधर, वरुणा किनारे लोगों का पलायन जारी रहा। मकानों में ताला बंदकर घर छोड़ने को लोग विवश हैं।

नाव पर दुकान

घाटों पर रोजी-रोटी कमाने वालों के लिए गंगा थोड़ी परेशानी जरूर लेकर आई है लेकिन अधिकतर किनारे रहने वालों ने नाव को ही दुकान बना लिया है। सुरक्षित स्थान पर एक किनारे नाव खड़ी कर उस पर चाय, पान से लेकर चाउमीन तक बेच रहे हैं। अस्सी घाट पर यह नजारा आम है।

बाढ़ देखने वालों का तांता

वरूणा हो या फिर गंगा में बाढ़ का नजारा देखने वालों की खूब भीड़ उमड़ रही है। रामनगर-सामनेघाट पुल से बाढ़ देख रहे है तो उधर हाईवे पर भी ऐसी ही भीड़ उमड़ रही है। घाट किनारे भी युवाओं का जुटान खूब हो रहा है। सेल्फीबाजी हो रही। उधर, वरुणा पुल पर भी राहगीरों की नजर कलकल बहती वरुणा पर भी आकर ठहर जा रही है।

Posted By: Inextlive