-हनुमान की जाति मत खोजो, वे तो प्राण कवि हैं : मोरारी बापू

BEGUSARAI/PATNA: हनुमान की जाति मत खोजो। हनुमान तो प्राण कवि हैं। कोई माई का लाल नहीं जो हनुमान को बांध सकता है। हनुमान जी को विवाद का केंद्र नहीं बनाया जाना चाहिए। मंगलवार को रामकथा के चौथे दिन व्यास पीठ से परम पूज्य मोरारी बापू ने ये बातें कहीं।

सदा बनी रहे गंगा की निर्मलता

युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि गंगा में कचरे का त्याग न करें। उसके अगल-बगल भी गंदगी न फैलाएं। गंगा मलिन हो, यह ठीक नहीं है। स्थानीय लोग जागें, बाहर से जो भी लोग आते हैं, वे गंगा को प्रदूषित न करें। इसकी शुद्धता का ख्याल रखें। गंगा हमारी मां है। तभी तो गंगा मैया मुक्ति देती हैं। गंगा मैया को शुद्ध रखें, कोई अशुद्ध न करे, यह हम सबकी जिम्मेदारी है। गंगा का शुद्धिकरण अविलंब हो। गंगा की धारा हमारा जीवन है। गंगा हम सबकी जीवन धारा है। इसकी अविरलता व निर्मलता सदा बनी रहे।

जगत में छाये हुए हैं सियाराम

बापू ने कहा कि सियाराम जगत में छाये हुए हैं। तभी तो अयोध्या समेत पूरे देश के दिल में राम हैं। राम एक विचार का नाम है। दिल में राम का प्रकाट्य हो। तभी तो समस्त कला को राम आत्मसात किए हुए हैं। प्रेम में शिष्टाचार कहां होता है। उन्होंने कहा, हमें बिहारी बोली बहुत प्यारी है। सुनने में मजा आता है। मैं जन-जन के पास जाना चाहता हूं। मेरी व्यास पीठ से जनता को दूर नहीं किया जाए।

Posted By: Inextlive