- सिकंदरा के पीपी नगर में लोग गंदा पानी पीने को मजबूर

- गढ़ी भदौरिया, सरस्वती नगर समेत कई इलाकों में नहीं पहुंचा पानी

आगरा। एक तरफ गंगाजल नालियों में बह रहा है। तो दूसरी तरफ लोग पानी की बूंद-बूंद को तरस रहे हैं। कुछ इलाकों में पानी आया भी है तो वो इतना गंदा है कि पीने की तो बात छोड़ो। नहाने भी लायक नहीें है। अब ऐसी स्थिति में करें तो क्या करें।

लोग गंदा पानी पीने को मजबूर

सिकंदरा के पीपी नगर में लोग गंदा पानी पीने को मजबूर हकं। कई इलाकों में गंदा पानी आ रहा है। जलकल के अफसरों की मानें तो लीकेज पाइपलाइन की मरम्मत हुई तो उसके कारण शुरुआत में ये दिक्कत है। उसके बाद साफ पानी मिलने लगेगा। पाइपलाइन में जो सिल्ट जमी रहती है। उसके कारण शुरुआत में गंदा पानी आता है। बाद में पानी साफ हो जाता है।

नालियों में बह रहा गंगाजल

शहर में जलकल की पाइपलाइनों का नेटवर्क ध्वस्त होने के कारण गंगाजल नालियों में बह रहा है। लोगों के लिए 130 किमी। की दूरी से पालड़ा बुलन्दशहर से लाया गया गंगाजल लोगों को नसीब नहीं हो पा रहा है। कई इलाकों में पाइपलाइन लीकेज होने से पानी आगे नहीं पहुंच पा रहा है। इसके चलते पानी नालियों और सड़कों पर बह रहा है। बता दें कि सिकंदरा प्लांट से नरीपुरा, अजीत नगर, बारह खम्बा, मुस्तफा क्वार्टर, सोहल्ला आदि क्षेत्रों में पाइपलाइन की कोई व्यवस्था नहीं है। इसके अलावा लोहामंडी के राजनगर, अशोक नगर, कंस गेट, अहीर पाड़ा घास की मंडी में गंगाजल वितरण के लिए कोई इंफ्रस्ट्रक्चर उपलब्ध नहीं है।

अभी तक नहीं आया पानी

शहर के दर्जनों इलाकों में अभी तक पानी नहीं पहुंचा है। सबसे ज्यादा दिक्कत फ‌र्स्ट जोन में हैं। लोहामंडी, केशव कुंज, राजनगर, नगला बूढ़ी, ओम नगर, सरस्वती नगर, गढ़ी भदौरिया, संजय प्लेस, लॉयर्स कॉलोनी आदि क्षेत्र में अभी तक पानी नहीं आया है। जलकल के अफसरों ने दावा किया था, कि गुरु के ताल पास 1400 एमएम की लीकेज पाइप लाइन को दुरुस्त करने के बाद जलापूर्ति का दावा किया था, लेकिन 6 दिनों के बाद अभी तक पानी नहीं पहुंच सका है।

अब क्या दी सफाई

इस बारे में जलकल के महाप्रबंधक आरएस यादव ने बताया कि लीकेज को दुरुस्त करने के बाद उसे कंक्रीट सीमेंटेड से पाइपलाइन के ज्वाइंटों को मजबूत किया गया है। इसके लिए 24 घंटे का समय चाहिए। चूकिं मौसम में लगातार नमी है। इसके चलते दिक्कत आ रही है। अभी सिंकदरा से 50 प्रतिशत पानी की ही आपूर्ति की जा रही है। अभी 100 प्रतिशत पानी की आपूर्ति शुक्रवार सुबह से शुरू कर दी जाएगी। बता दें कि सबसे ज्यादा परेशानी फ‌र्स्ट जोन में हैं। इसकी जिम्मेदारी अधिशासी अभियंता राजेन्द्र आर्या की है। अधिशासी अभियंता की मिस अन्डर स्टैन्डिग के चलते जलापूर्ति की ठीक जानकारी लोगों तक नहीं पहुंच पा रही है।

अमृत योजना का काम अधर में

गंगाजल वितरण के लिए 13.65 करोड़ की लागत से पेयजल के लिए घर-घर 27363 कनैक्शन किए जाने थे। ये काम तीन चरणों में 31 दिसम्बर तक पूरा किया जाना था, जो अभी तक पूरा नहीं हो सका है। फेज-1 में 11.66 करोड़ धनराशि स्वीकृत की गई थी। इसके सापेक्ष 21250 कनैक्शन ही किए जा सके हैं। अभी काम जारी है।

- योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2016-17 में 122.00 करोड़ के सापेक्ष पेयजल आपूर्ति योजना के तहत कार्य किया जाना था।

- 127.96 करोड़ की योजना में अभी तक ईएफसी से कोई स्वीकृति नहीं मिल सकी है। इस योजना में कोतवाली, शाहगंज -1 रकाबगंज, केशवकुंज के क्षतिग्रस्त जैडपीएस के स्थान पर चार नए जैडपीएस निर्माण किया जाना था। इसके अलावा गढ़ी भदौरिया, राममोहन नगर, बोदला, सेंट्रल पार्क के पीछे का पार्क इसमें तीन नए भूमिगत टैंक बनाया जाना प्रस्तावित है। जो अभी नहीं हो सका है। पेयजल वितरण सिस्टम के साथ-साथ जीवनी मंडी जल संस्थान से कमलानगर तक अलग फीडर मेन बिछाए जाने का काम भी शामिल था।

- तीसरे चरण में 80.00 करोड़ की लागत से शाहगंज क्षेत्र में फेस=4 के अन्तर्गत अलबतिया क्षेत्र, बालाजीपुर्म, मारुति स्टेट, आजमपाड़ा, क्षेत्र के लिए 2 जैडपीएस चार हाईटेक टैंक आदि कार्य किया जाना प्रस्तावित था। इसमें 71.59 करोड़ धनराशि की शासन से स्वीकृति नहीं हो सकी है।

Posted By: Inextlive