कछुआ चाल से रेंग रहा गंगाजल प्रोजेक्ट
पाइप लाइन के लिए नहीं हो सका जमीन का अधिग्रहण
अधिग्रहण के लिए अभी तक शुरु नहीं हो सकी है प्रक्रिया सिटी में 2017 तक पूरा होना है गंगाजल प्रोजेक्ट का काम आगरा। आगराइट्स को भले ही अभी तक गंगाजल की एक बूंद न मिली हो लेकिन इस प्रोजेक्ट को पूरा करने की लागत पांच गुनी जरूर बढ़ गई। इतना ही नहीं जिस प्रोजेक्ट को 2012 में पूरा होना था, अब उसे मार्च 2017 तक पूरा करने की बात कही जा रही है। 2017 में भी योजना पूरी हो सकेगी या नहीं यह कह पाना भी मुश्किल है। अभी नौ वर्ष में पाइप लाइन बिछाने के लिए भूमि का अधिग्रहण ही नहीं हो सका है। नहीं हुआ भूमि अधिग्रहणवर्ष 2005 में बने गंगाजल प्रोजेक्ट में 140 किमी। दूर बुलन्दशहर के पालड़ा से गंगाजल आगरा लाया जाना है। इसमें अभी तक जमीन अधिग्रहण के लिए प्रक्रिया शुरु तक नहीं हो सकी है। इसमें 33 गांव मथुरा जिले में हैं तो वहीं 21 गांव अलीगढ़ जिले में शामिल हैं। अलीगढ़ की गभाना तहसील से 14.98 हैक्टेयर भूमि और खैर तहसील से 11.57 हैक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाना है।
140 किमी। तक बिछेगी पाइप लाइनइसके अलावा बुलन्दशहर में भी दर्जनों गांव हैं। जहां अभी तक जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरु तक नहीं हुई है। बुलन्दशहर के पालड़ा फॉल से कैलाश घाट तक 140 किमी। तक पाइप लाइन बिछाई जानी है। इसमें 98 किमी। तक डबल पाइप लाइन बिछाई जाएगी। इसके बाद सिंगल पाइप लाइन बिछाई जाएगी। इसमें एक पाइप की मोटाई 2800 मिली। इसमें 150 क्यूसेक जल आगरा लाया जाएगा। इसमें 10 क्यूसेक जल मथुरा को दिया जाना है।
अब तक हो गए 456 करोड़ खर्च गंगाजल प्रोजेक्ट के तहत अभी तक कुल धनराशि 2887 करोड़ में से केवल 456 करोड़ रुपये ही खर्च हो सके हैं। इसमें अलीगढ़ में हेड रेग्यूलेटर और दो सेंट्रल टैंक, आगरा में यमुना पर पुल और एमबीबीआर प्लांट का ही निर्माण हो सका है।