- गढ़वाल विवि प्रशासन कर चुका है 18 कॉलेजों को असंबद्ध करने की मांग

- एग्जाम फॉर्म भरने की डेडलाइन 30 अक्टूबर, स्टूडेंट्स की बढ़ सकती है मुश्किलें

देहरादून, गढ़वाल सेंट्रल यूनिवर्सिटी द्वारा 18 कॉलेजेज की संबद्धता समाप्त करने की मांग से 50 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स का भविष्य अधर में लटक गया है। यूनिवर्सिटी द्वारा इस संबंध में मानव संसाधन मंत्रालय को पत्र भेजा गया था। शैक्षणिक सत्र के बीच में अगर कॉलेजेज की संबद्धता समाप्त होती है तो इसका असर स्टूडेंट्स के करियर पर पड़ना तय है।

50 हजार स्टूडेंट्स एनरोल्ड

देहरादून के डीएवी, एसजीआरआर, डीबीएस, एमकेपी समेत 18 गवर्नमेंट एडेड कॉलेज वर्तमान में गढ़वाल सेंट्रल यूनिवर्सिटी से संबद्ध हैं। इन कॉलेजेज में रेगुलर कोर्सेज के अलावा कई प्रोफेशनल कोर्स भी संचालित हो रहे हैं। इन 18 कॉलेजेज में करीब 50 हजार स्टूडेंट्स पढ़ रहे हैं, जो सेंट्रल यूनिवर्सिटी में एनरोल्ड हैं।

स्टूडेंट्स से विवाद बना कारण

गढ़वाल सेंट्रल यूनिवर्सिटी कैंपस में कुछ दिनों पहले छात्र नेताओं और यूनिवर्सिटी स्टाफ के बीच विवाद हुआ था, जिसके बाद यूनिवर्सिटी एड्मिनिस्ट्रेशन ने एचआरडी मिनिस्ट्री से यूनिवर्सिटी से संबद्ध 18 गवर्नमेंट एडेड कॉलेजेज की संबद्धता समाप्त करने की मांग की थी। इसके बाद से लगातार यूनिवर्सिटी और कॉलेजेज के बीच खींचतान चल रही है।

30 अक्टूबर फार्म सबमिशन की लास्ट डेट

सेंट्रल यूनिवर्सिटी में एग्जाम फॉर्म भरने की ऑनलाइन डेडलाइन भी तय की गई है जो 30 अक्टूबर है। जबकि कॉलेजेज को लेकर न एचआरडी मिनिस्ट्री ने कोई निर्णय लिया है और न ही इन कॉलेजेज में एग्जाम फॉर्म भरने की प्रक्रिया शुरू हो पाई है। इस मुद्दे पर अगर जल्द कोई फैसला नहीं लिया गया तो स्टूडेंट्स का भविष्य दांव पर लग सकता है।

मिड सेशन में कहां जाएं स्टूडेंट्स

प्रदेश के सेंट्रल यूनिवर्सिटी से संबद्ध 18 कॉलेजों में एडमिशन और पढ़ने वाले स्टूडेंट्स की पूरी प्रक्रिया सेंट्रल यूनिवर्सिटी से ही हुई है। सेंट्रल यूनिवर्सिटी के सिलेबस को ही इन कॉलेजेज में लागू किया गया है। अब अगर 18 कॉलेजेज की संबद्धता समाप्त करने का निर्णय लिया गया तो स्टूडेंट्स के पास क्या ऑप्शन बचेगा।

दूसरी यूनिवर्सिटी का विकल्प भी टफ

अगर इन कॉलेजेज को श्री देव सुमन यूनिवर्सिटी से संबद्धता मिलती है तो पहले करीब 50 हजार स्टूडेंट्स को यूनिवर्सिटी के मैनुअल के हिसाब से एनरोलमेंट नंबर लेना होगा। यूनिवर्सिटी के हिसाब से ही स्टूडेंट्स का सिलेबस निर्धारित किया जाएगा। स्टूडेंट्स को अगर श्रीदेव सुमन यूनिवर्सिटी में एनरोल कर भी दिया गया तो हजारों स्टूडेंट्स नया सिलेबस कैसे कवर कर पाएंगे ये भी काफी टफ इश्यू है। राज्य सरकार इस मामले में एचआरडी मिनिस्ट्री के फैसले का इंतजार कर रही है।

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कॉलेजों में पढ़ने वाले बच्चों का एडमिशन और पढ़ाई सेंट्रल यूनिवर्सिटी के मानकों के हिसाब से हुई है। ऐसे में सत्र के बीच में कॉलेजों को दूसरी यूनिवर्सिटी से संबद्ध करने की प्रक्रिया कैसे संभव है।

वीए बौड़ाई, प्रिंसिपल, एसजीआरआर पीजी कॉलेज

Posted By: Inextlive