टीम इंडिया के बाएं हाथ के बेहतरीन आेपनर बल्लेबाज रहे गौतम गंभीर राजनीति में नहीं आएंगे। रविवार को अपने क्रिकेट करियर का आखिरी मैच खेलने के बाद गंभीर ने पत्रकारों से यह बात कही। गंभीर का कहना है उनकी राजनीति में कोर्इ रुचि नहीं है मगर वह बड़े स्तर पर टीम को कोचिंग देने के लिए तैयार हैं।


नई दिल्ली (पीटीआई)। क्रिकेट से संन्यास ले चुके पूर्व भारतीय क्रिकेटर गौतम गंभीर ने रविवार को अपने राजनीति में आने की बात को सिरे से खारिज कर दिया है। गंभीर कहते हैं, ऐसा कुछ नहीं है। ये सब अफवाह है, मैं भी पिछले काफी समय से सुन रहा हूं।' हालांकि गंभीर ने यह भी बताया कि ये अफवाह इसलिए फैली क्योंकि वह टि्वटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म पर सामाजिक मुद्दों पर चर्चा करते रहते हैं। गंभीर आगे कहते हैं, 'मैं उन लोगों जैसा नहीं हूं जो टि्वटर का इस्तेमाल हंसी-मजाक के लिए करें। एक जिम्मेदार नागरिक के चलते मेरी जिम्मेदारी बनती है कि मैं सोशल इशूज पर अपनी आवाज बुलंद करुं। अगर लोग इसे राजनीति से जोड़ते हैं तो यह बिल्कुल गलत है।'25 साल क्रिकेट खेला, अब इसी में कुछ करना है
37 साल के हो चुके गंभीर ने रविवार को फिरोजशाह कोटला मैदान पर अपना आखिरी रणजी मैच खेला जिसमें उन्होंने शानदार शतक जड़कर क्रिकेट को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया। गंभीर ने भारत के लिए साल 2016 में इंग्लैंड के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था। रिटायरमेंट के बाद गंभीर कहते हैं, 'मैं पहले भी बता चुका हूं कि मैंने राजनीति के बारे में कभी नहीं सोचा, यह बिल्कुल अलग क्षेत्र है। 25 साल से मैं क्रिकेट खेल रहा और अब जो कुछ करना है इसी में करना है।कोई नहीं बनाएगा पदाधिकारीगंभीर से जब पूछा गया कि वह प्रतिस्पर्धी क्रिकेट में बतौर कोच की भूमिका निभाएंगे तो इसका जवाब उन्होंने सकारात्मक दिया। वह कहते हैं, 'मुझे जो बात सबसे ज्यादा एक्साइटिंग लगती है वो है एक्शन। मुझे पता है एसी रूम में बैठकर कमेंट्री करने में वो मजा नहीं आएगा। मैं जितना अच्छा खिलाड़ी था उतना ही अच्छा कोच बन पाउंगा, यह कोई नहीं जान सकता।' यही नहीं गंभीर आगे कहते हैं, 'अगर कोच बनने का ऑफर मिलता है तो मैं इस जिम्मेदारी को पूरे जी-जान से निभाना चाहूंगा। हालांकि गंभीर ने इस बात को नकार दिया कि कि वह कभी एडमिनिस्ट्रेशन पर पर जाएंगे। गंभीर कहते हैं, मैं सीधा जचवाब देने वाला इंसान हूं, मुझे नहीं लगता कोई मुझे उन पदों पर पहचाएगा। आपको बता दें गंभीर ने आखिरी मैच के बाद अपनी किट साथी खिलाड़ियों में बांट दी।गौतम गंभीर को आउट करने में लगते थे 10 घंटे, फिर भी इस गेंदबाज से थे डरतेगौतम गंभीर क्रिकेटर न होते तो करते सेना की नौकरी, 25 शहीदों के बच्चों का उठा रहे खर्च

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari