अब बरेली में भी जीबी सिंड्रोम का इलाज संभव
-जीबी सिंड्रोम नामक बीमारी पर आईएमए सभागार में हुई थी गोष्ठी
-जीबी सिंड्रोम नामक बीमारी पर आईएमए सभागार में हुई थी गोष्ठी BAREILLY BAREILLY : जानलेवा बीमारी जीबी सिंड्रोम के इलाज के लिए अब मरीजों को दिल्ली और अन्य बड़े शहरों में नहीं जाना होगा। बरेली में ही अब इस बीमारी का इलाज संभव हो गया है। थर्सडे को आईएमए भवन के सभागार में जीबी सिंड्रोम नामक जानलेवा बीमारी और इसके इलाज पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में जानलेवा इम्यूनोग्लोबिलिन इंजेक्शन के साइंटिफिक महत्व को समझाया गया। अपंग होने का भी रहता है खतराकार्यक्रम के मुख्य वक्ता गंगाशील हॉस्पिटल के न्यूरो फिजिशियन डॉ। फैसल शाह एवं डॉ। विनय अग्रवाल ने बताया कि इम्यूनोग्लोबुलिन शरीर में रक्त एवं तरल पदार्थ में पाए जाने वाला एक प्रोटीन है। यह वैक्टीरिया अथवा वायरस व उनके दुष्परिणामों के असर को बेअसर करता है, लेकिन कभी-कभी इन वैक्टीरिया से लड़ते-लड़ते यह शरीर की मांसपेशियों एवं नसों को नुकसान पहुंचा देता है। इससे जान जाने के साथ ही शरीर के किसी हिस्से के अपंग होने का भी खतरा रहता है। ऐसी स्थित में इसको बेअसर करने के लिए बाहर से पूल्ड इम्यूनोग्लोबुलिन देना पड़ता है। इम्यूनोग्लोबुलिन इंजेक्शन के इस्तेमाल से न केवल मरीजों की जान बचाई जा सकती है बल्कि उनको बीमारी के कारण हुई अपंगता से भी निजात दिलाई जा सकती है। गोष्ठी में आईएमए प्रेसीडेंट डॉ। सत्येन्द्र सिंह ने फिजिशियन एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ। पंकज बंसल एवं सचिव राजीव गुप्ता, सचिव विनोद पगरानी, हिमांशु अग्रवाल, राजीव अग्रवाल, डीपी सिंह, डॉ। आरजी शर्मा, डॉ। अतुल अग्रवाल, डॉ। वीपी भारद्वाज एवं डॉ। रविश अग्रवाल आदि मौजूद रहे।