- विकास की राह खोलने में जीडीए को मिल रही सफलता

- नई आवासीय योजना के नाम पर पत्रकारपुरम की सौगात

GORAKHPUR: साल 2018 में गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) को जहां कई उपलब्धियां मिलीं तो दूसरी ओर विकास की नई राहें खोलने में विभाग चंद कदम ही दूर रहा है। इस साल जीडीए ने बड़ी से बड़ी बाधाओं का निपटारा कर सफलता हासिल की। नई आवासीय योजना के नाम पर पत्रकारपुरम के अलावा कई और आवासीय योजनाएं इस साल की उपलब्धियों में जुड़ीं।

मानबेला आवंटियों को दिलाया कब्जा

साल की शुरुआत मानबेला मामले के समाधान के साथ जोरदार ढंग से हुई। राप्तीनगर विस्तार आवासीय योजना के 800 से अधिक आंवटियों को हाईकोर्ट के आदेश के बाद एक दशक बाद जीडीए ने प्लॉट पर कब्जा दिला दिया। वहीं मानबेला में पीएम आवास योजना के तहत आवास निर्माण के शुरू हो जाने और पत्रकारपुरम योजना के लांच होने को एक अन्य उपलब्धि के तौर पर गिनाया जा सकता है।

कॉलोनियों का हुआ ट्रांसफर

जीडीए की आठ कॉलोनियों के लोगों का नगर निगम का नागरिक बनने का सपना पूरा होना भी इस साल की उपलब्धियों में गिना जा सकता हैं। हालांकि इस दौरान इसके भी रास्ते की बाधाओं को दूर करने का ही मामला चलता रहा। लंबे प्रयास के बाद अप्रैल में जीडीए ने इन कॉलोनियों को नगर निगम को ट्रांसफर करने में सफलता हासिल की। वहीं, बुद्ध बिहार पार्ट-ए बी व सी और आम्रपाली आवासीय योजना के तहत बसाई गई कॉलोनियों का ट्रांसफर नए साल में हो जो की उम्मीद है।

रामगढ़ताल के पास लगेंगे पौधे

रामगढ़ताल के चारों तरफ 100 मीटर के दायरे में हरियाली के लिए जीडीए करीब 13 हजार पौधे लगाएगा। पौधरोपण और पौधों के रखरखाव के लिए जीडीए तीन करोड़ की राशि का भुगतान करेगा। वहीं, ताल के वेटलैंड को सुरक्षित रखने के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने प्रशासनिक अफसरों के लिए गाइड लाइन जारी की थी जिसे लेकर जीडीए बोर्ड की बैठक में चर्चा हुई। जिसमं ताल के चारों तरफ 100 मीटर के दायरे में 12769 पौधे लगाने का फैसला लिया गय है। पौधों के रखरखाव पर 2.86 करोड़ रुपए खर्च होंगे।

वेटलैंड को सुलझाने में लगा जीडीए

रामगढ़ताल के 50 मीटर के दायरे में हुए निर्माण को लेकर एनजीटी की टेढ़ी नजर को लेकर इस वर्ष जीडीए ऑफिस सुर्खियों में रहा। एनजीटी ने ऐसे सभी निर्माण का सर्वे करवाकर ध्वस्त करने का निर्देश जारी किया तो जीडीए ने सर्वे की रिपोर्ट एनजीटी को सौंप दी। अब जीडीए को उम्मीद है कि एनजीटी मान जाए जिससे उनका नुकसान होने से बच सकेगा।

मिल सकेंगे लोहिया इंक्लेव के आवास

देवरिया बाईपास पर जीडीए द्वारा बसाया जा रहा लोहिया इंक्लेव का आवास भी नए वर्ष में आवंटियों को नसीब होने की उम्मीद है। 2015 में लांच हुई इस बहुमंजिली आवासीय योजना में जीडीए ने महज डेढ़ वर्ष में आवंटियों को आवास देने का वायदा किया था लेकिन चार वर्ष बाद भी वह इस वायदे को पूरा नहीं कर सका। उधर आवास निर्माण तो पूरा है लेकिन सड़क, बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं पर काम चल रहा है। लेकिन जीडीए को भरोसा है कि नए साल में आवंटियों को आवास की सौगात मिलेगी।

नए साल में और भी उम्मीदें

खोराबार में एक दशक पहले अधिग्रहीत 175 एकड़ जमीन को कब्जे में लेने में जीडीए को इस वर्ष भी सफलता नहीं मिल सकी। लेकिन उम्मीद है कि नए साल में जीडीए अधिकारियों को इसमें सफलता मिल सकती है। अवैध निर्माण पर लगाम लगाने के लिए अभियान चलाकर सील की कार्रवाई की जाएगी।

Posted By: Inextlive