- चोक नालियों से परेशान गीता प्रेस मार्केट के व्यापारी

- जरा सी बारिश में हो जाता जलजमाव, शौचालय व पानी का इंतजाम भी नहीं

GORAKHUR: शहर का गीता प्रेस मार्केट सस्ते कपड़ों के लिए मशहूर है। हर रेंज के लेटेस्ट कपड़े गोरखपुराइट्स को यहां मिल जाते हैं। यहां 250 से अधिक थोक व 450 फुटकर दुकानें हैं। कपड़ों की खरीदारी के लिहाज से यह लोगों की पहली पसंद है। मार्केट से करोड़ों का टैक्स सरकार को हासिल होता है। इसके बावजूद यहां के व्यापारी सुविधाओं के लिहाज से खुद को उपेक्षित महसूस करते हैं। सबसे बड़ी समस्या है मार्केट की सफाई में अनियमितता जिसके चलते चोक पड़ी नालियां जरा सी बारिश में ही उफना जाती हैं। वहीं, सुलभ शौचालय, पेयजल व्यवस्था की समस्या से भी व्यापारी जूझ रहे हैं। व्यापारियों के कई बार शिकायत के बाद भी प्रशासन इसे गंभीरता से नहीं लेता जिससे खरीदीरों को परेशान होना पड़ता है और मार्केट में ग्राहकों की संख्या घट रही है।

नहीं होती सफाई, बारिश लाती आफत

मार्केट में सफाई के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए हैं। सफाई कर्मचारी नियमित तौर पर नहीं आते जिसके चलते जगह-जगह गंदगी नजर आती है। छोटे से क्षेत्रफल में सघन दुकानों के कारण डिस्पोजल बड़ी संख्या में निकलता है, जिसकी सफाई नहीं होने से मार्केट की गंदगी बढ़ती है। नालियों की तल्लीझाड़ सफाई महीनों नहीं होती जिसके कारण ओवरफ्लो नालियों का पानी सड़कों पर बहने लगता है। बारिश का समय तो व्यापारियों के लिए आफत लेकर आता है। हल्की बारिश में भी एरिया में जलभराव हो जाता है और जब सड़क से गाडि़यां गुजरती हैं तो पानी दुकान के अंदर चला आता है। व्यापारियों ने बताया कि सामान्य बारिश में भी करोड़ों रुपयों का नुकसान हो जाता है।

पेयजल व शौचालय का भी पता नहीं

गीता प्रेस मार्केट के व्यापारियों का कहना है कि रोजाना हजारों ग्राहक आते हैं लेकिन नगर निगम ने सार्वजनिक शौचालय व पेयजल का कोई इंतजाम नहीं किया है। लेडीज कस्टमर्स को तो काफी प्रॉब्लम होती है। वहीं, यूरिनल नहीं होने से कुछ लोग खुले में चले जाते हैं जिससे राहगीरों को समस्या होती है। छुट्टा पशुओं ने भी समस्या बढ़ा दी है। गली में सांड़ या गाय के आते ही लोग उसमें जाने से कतराने लगते हैं। छुट्टा पुशओं के हमलों में कई बार लोग घायल भी हो चुके हैं।

जाम की बड़ी समस्या

गीता प्रेस मार्केट में पार्किग की कमी से लगने वाला जाम भी व्यापारियों के लिए बड़ी समस्या है। इसके कारण कस्टमर्स का आना-जाना रुक जाता है जिसका प्रभाव व्यापार पर पड़ता है। व्यापारियों का कहना है कि जाम की समस्या को लेकर अधिकारियों को कई बार अवगत कराया गया लेकिन प्रशासन उसे गंभीरता से नहीं लेता है। जब ट्रैफिक पुलिस के जवान तैनात रहते हैं तो जाम नहीं लगता है। व्यापारियों की समस्या के प्रति उदासीन प्रशासन ने जाम से निपटने को होमगार्ड तैनात किए हैं लेकिन वह भी नियमित नहीं मौजूद रहते।

व्यापारियों के सुझाव

- रेती चौक पर स्थित ट्रांसफार्मर हटा दिया जाए तो जाम से राहत मिलेगी।

- फोर व्हीलर के लिए एरिया को वन वे कर दिया जाए।

- मार्केट में नगर निगम दुकानों की संख्या के अनुसार डस्टबिन लगाए।

- परमानेंट ट्रैफिक पुलिस के जवान तैनात किए जाएं।

- सफाई के लिए सफाईकर्मियों की संख्या बढ़ाई जाए और नालियों की नियमित सफाई हो।

रेती चौक पर दुकानें

थोक - 250 से अधिक

फुटकर - 450

कोट्स

सार्वजनिक शौचालय नहीं होने से कस्टमर्स को काफी प्रॉब्लम होती है। इसी वजह से लेडीज कस्टमर्स आने के पहले कई बार सोचती हैं।

- रोहित अग्रवाल

लाखों की संख्या में लोग मार्केट में आते हैं। यूरिनल, पर्याप्त सफाई नहीं होने से कस्टमर्स को परेशान होना पड़ता है।

- अमरनाथ अग्रवाल

मार्केट में डस्टबिन का कोई इंतजाम नहीं किया गया है जिससे गंदगी फैलती है। निगम को दुकानों की संख्या के अनुसार डस्टबिन लगाना चाहिए।

- संजय अग्रवाल

जाम की समस्या को दूर करने के प्रति प्रशासन गंभीर हो तो मार्केट की रौनक बढ़ जाएगी। यहां जाम को लेकर लोगों में धारणा बन गई है जिसके कारण वह आने से कतराते हैं।

- शिव कुमार अग्रवाल

मार्केट में गलियां अधिक हैं। छुट्टा पशु जिस गली में चले आते हैं खुद भी वापस नहीं मुड़ पाते और लोगों के लिए भी समस्या खड़ी कर देते हैं। उनकी मार से कई लोग घायल हो चुके हैं।

- राजेश नेभानी

बारिश व्यापारियों के लिए बड़ी समस्या है। हल्की बारिश में भी जलभराव हो जाता है और दुकानों में पानी घुस जाता है। जिससे व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है।

- मनोज गुप्ता

Posted By: Inextlive