इसीसी में इस बार होगी जेंडर ऑडिट
ताकी समान रूप से मिले facility
जेंडर ऑडिट के बारे में ईसीसी के प्रिंसिपल डॉ। एम मैसी ने बताया कि इसके पीछे सबसे बड़ी सोच यह है कि गल्र्स व ब्वायज को समान रूप से फैसिलिटी मिल सके। उनके साथ किसी प्रकार भेदभाव न हो सके। जेंडर ऑडिट को देखते हुए कालेज में स्टूडेंट्स के लिए समान रूप से चीजें उपलब्ध करायी गई हैं। गल्र्स स्टूडेंट्स के लिए कॉमन हॉल भी तैयार किया गया है। जिसमें उनके लिए टॉयलेट व दूसरी चीजें मौजूद हंै। इसके साथ ही उनके बैठने, लंच करने जैसी जरूरतों के लिए भी कॉमन हॉल में सुविधाएं मौजूद हैं.
Games में भी रखा गया है इसका ध्यान
कॉलेज में गेम्स के लिए भी गल्र्स व ब्वायज को बराबर सुविधाएं मुहैया करायी गई हैं। ये सुविधाएं उनकी स्ट्रेंथ के हिसाब से डिवाइड की जाती हैं। कालेज में ब्वायज व गल्र्स के परसेंटेज के मुताबिक सुविधाओं को बराबर दिया जाता है। हाल में ही कालेज कैंपस के भीतर स्टूडेंट्स के बैठने के लिए सौ बेन्चेज लगवाई गई हैं। जिससे कालेज में स्टूडेंट्स को बेहतर सुविधा मिल सके। गार्डन एरिया के पास इनको लगाया गया है.
बेहतर e-learning की सुविधा भी मौजूद
ईसीसी में ई लर्निंग की सुविधा भी बेहतर ढंग से स्टूडेंट्स को दी जा रही है। इसके लिए पूरे कालेज कैंपस को वाई फाई किया गया है। पहले कालेज की बिल्डिंग से निकलने के बाद वाई फाई कनेक्टिविटी समाप्त हो जाती थी। लेकिन अब कैंपस के अंदर हर स्थान पर ये सुविधा मौजूद है। कहीं भी बैठकर इस सुविधा का लाभ लिया जा सकता है। जिससे गल्र्स व ब्वायज दोनों स्टूडेंट्स को ई लर्निंग का फायदा मिल सके.