जियो टैगिंग के जरिए वैध-अवैध कॉलोनियों का ब्योरा होगा उपलब्ध

जन सामान्य को भी मिलेगी विस्तृत जानकारी, जल्द शुरू होगा कार्य

Meerut। अब अवैध निर्माण मेरठ विकास प्राधिकरण की रडार पर होंगे। जियो टैगिंग के जरिए प्राधिकरण शहर में चल रही निर्माण गतिविधियों पर नजर रखेगा, वहीं संबंधित क्षेत्र के निगरानी अधिकारी की जिम्मेदारी भी तय की जा सकेगी। अधिकारी ऑफिस में बैठे-बैठे किसी भी क्षेत्र में हो रही अवैध निर्माण की गतिविधियों को देख सकेंगे। अवैध निर्माणों पर अंकुश लगाने के लिए यह प्रक्रिया वरदान साबित होगी। आगरा की सॉफ्टवेयर कंपनी कम्प्यूटर केंद्र द्वारा प्रजेंटेशन के बाद एमडीए जल्द ही प्राधिकरण क्षेत्र की जल्द ही जियो टैगिंग कराएगा।

क्या है जियो टैगिंग

सेटेलाइट इमेज से किसी भी क्षेत्र में हो रही गतिविधियों की जानकारी के जियो टैगिंग के थ्रू हासिल की जा सकती है। जानकारी के मुताबिक मेरठ विकास प्राधिकरण शहर की सभी आवासीय, गैर आवासीय क्षेत्रों को गूगल अर्थ के साथ करके जियो टैंग करने जा रहा है। इस प्रक्रिया के पूर्ण होने के बाद कार्यालय में बैठकर अधिकारी संबंधित क्षेत्र में हो रही अवैध गतिविधियों पर नजर रख सकेंगे। गूगल अर्थ के साथ कनेक्ट होने के कारण गूगल मैप से 5 गुना तक क्लियर पिक्चर कंप्यूटर पर देखी जा सकती है।

यह होगा फायदा

क्षेत्र को जियो टैगिंग से कनेक्ट करने के बाद अवैध निर्माणों पर अंकुश लगेगा। एमडीए सचिव राजकुमार ने बताया कि कार्यालय में बैठकर कम्प्यूटर पर विभिन्न क्षेत्रों में हो रही निर्माण की गतिविधियों पर नजर रखी जा सकती है। सर्वप्रथम एमडीए अवैध कॉलोनियों के बारे में इमेज के साथ विस्तृत ब्योरा जियो टैग करेगा। जिससे इन क्षेत्रों में हो रही अवैध गतिविधियों की तत्काल जानकारी मिल सके और उनपर समय रहते कार्रवाई की जा सके। आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के प्रमुख सचिव नितिन रमेश गोकर्ण ने प्राधिकरण क्षेत्र का जल्द से जल्द जियो टैगिंग कराने के निर्देश दिए हैं।

जल्द शुरू होगी प्रक्रिया

एमडीए सचिव ने बताया कि जल्द ही जियो टैगिंग की प्रक्रिया को आरंभ कर दिया जाएगा। सर्वप्रथम अवैध कॉलोनियों का डिटेल संस्था को उपलब्ध कराया जा रहा है.फिलहाल प्राधिकरण के अधिकारी जियो टैगिंग के थ्रू गतिविधियों पर नजर रख सकेंगे। अगले चरण में इसे प्राधिकरण के पोर्टल पर पब्लिक के लिए भी शुरू किया जाएगा जिससे कि आमजन प्राधिकरण क्षेत्र, निर्माण के बारे में ऑनलाइन जानकारी हासिल कर सके।

सॉफ्टवेयर कंपनी द्वारा जियो टैगिंग के संबंध में प्रस्ताव दिया गया है। जल्द ही एमडीए क्षेत्र में हो रही वैध-अवैध गतिविधियों की निगरानी जियो टैगिंग के माध्यम से की जा सकेगी।

राजकुमार, सचिव, एमडीए

Posted By: Inextlive