-सरकारी बैठकें स्थगित, बिहार में दो दिन का राजकीय शोक, डबडबाई सीएम नीतीश कुमार की आंखें, बोले अभिभावक थे जॉर्ज

PATNA: समाजवादी नेता जॉर्ज फर्नाडीस जहां सोते थे उसके चारों तरफ किताबों का अम्बार लगा रहता था। उनके कमरे की अलमीरा, चौकी सभी पर किताबों का ढेर होता था। उनकी अध्ययनशीलता का असर उनके भाषणों में दिखता था। आज वह कर्मयोगी बिहार को छोड़कर चला गया। ऐसे नेता की शोकसभा में सीएम नीतीश कुमार की आंखें डबडबा गई। गला रूंध गया। वह बोलना चाह रहे थे। लेकिन होठ कांप गए। यह दृश्य जदयू कार्यालय में दिखा। मंगलवार को जब जॉर्ज की निधन की खबर मिली, सीएम सरकारी बैठकों की तैयारी कर रहे थे। सभी कार्यक्रम रद कर दिए।

देश ने करिश्माई नेता खोया

सीएम के आदेश पर कैबिनेट सचिवालय ने दो दिन के राजकीय शोक की घोषणा की। सीएम ने कहा कि मैंने अपना अभिभावक खो दिया है। देश ने एक बड़े राजनीतिक शख्सियत के साथ ही प्रखर वक्ता, चिंतक, विचारक और करिश्माई व्यक्तित्व को खो दिया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल में उन्होंने रक्षा मंत्री, संचार मंत्री, उद्योग मंत्री, रेल मंत्री आदि के रूप में काम किया। उच्च राजनीतिक मूल्यों एवं आदर्शों की बदौलत राजनीतिक जीवन में उच्चस्थ शिखर को प्राप्त किया। अपने व्यक्तित्व की बदौलत राजनीतिक सीमाओं से परे सभी विचारधारा के राजनीतिक दलों का आदर एवं सम्मान प्राप्त किया। अपने जीवन में उन्होंने लोकतांत्रिक मूल्यों को सर्वोपरि रखा।

रक्षा मंत्री रहते उखड़वा दिया था पल्ला

शिवानंद तिवारी ने कहा कि किसी न किसी मुद्दे पर संघर्षरत रहना उनकी पहचान थी। वह कहते हैं कि जॉर्ज जब रक्षा मंत्री थे तो अपने घर के फाटक का एक पल्ला उखड़वा दिया था ताकि जनता के लिए उनका फाटक हमेशा खुला रहे। तिब्बत में आजादी के लिए संघर्षरत लोगों के साथ वह काफी घनिष्ठता से जुड़े हुए थे। उनमें गजब की ऊर्जा थी। अनवरत किसी न किसी मुद्दे पर संघर्षरत रहना उनकी पहचान थी। यही पहचान उनको सबसे अलग करती थी।

Posted By: Inextlive