RANCHI : झारखंड के अलग राज्य बने 14 साल से ज्यादा हो चुके हैं, फिर भी इसका अपना एक भी हेलीकॉप्टर नहीं है। प्राइवेट कंपनी से हेलीकॉप्टर को किराए पर लेकर सरकार काम चला रही है। अभी आर्यन कंपनी के फाइव सीटेड अगस्टा-109 हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल सरकार कर रही है। मुख्मंयत्री और मंत्री समेत आलाधिकारी इसी हेलीकॉप्टर से दौरा कर रहे हैं। वैसे, कई बार हेलीकॉप्टर खरीदने पर बात हुई, लेकिन खरीदा नहीं जा सका। दूसरी तरह प्राइवेट कंपनी से हायर हेलीकॉप्टर कई बार धोखा दे चुकी है, फिर भी सरकार नहीं चेती है।

झारखंड नागर विमानन विभाग के अपर मुख्य सचिव सजल चक्रवर्ती से सीधी बात

सवाल- शनिवार को मुख्यमंत्री रघुवर दास जिस हेलीकॉप्टर से उड़ान भर रहे थे, वह हादसे का शिकार होने से बच गया। इससे पहले भी पूर्व मुख्यमंत्री अजुर्न मुण्डा भी हेलीकॉप्टर हादसे में घायल हो गए थे। ऐसे में सरकार क्या कदम उठा रही है?

जवाब- शनिवार की घटना की मुझे जानकारी नहीं है, लेकिन इतना जरूर कहना चाहूंगा कि अगर ऐसा हुआ है तो यह गंभीर मामला है। राज्य सरकार जो हेलीकॉप्टर यूज कर रही है, वह एक प्राइवेट कंपनी से किराए पर लिया गया है, इसलिए हमारी सीधी दखल नहीं है।

सवाल- देश के दूसरे राज्यों की तरह झारखंड के पास अपना हेलीकॉप्टर क्यों नहीं है?

जवाब-कई राज्यों के पास सिर्फ हेलीकॉप्टर ही नहीं बल्कि अपना प्लेन भी है। लेकिन, यह अफसोस की बात है कि हमारे पास न तो अपना हेलीकॉप्टर है और न ही विमान। कई बार हेलीकॉप्टर खरीदने की योजना बनी, पर क्रियान्वयन नहीं हो सका।

सवाल- आप सीनियर ब्यूरोक्रेट होने के साथ नागर विमान विभाग के अपर मुख्य सचिव भी हैं। आपका विभाग इसके लिए क्या कर रहा है ?

जवाब- मैंने कम से कम दो हवाई जहाज और दो हेलीकॉप्टर खरीदने का प्रपोजल भेजा था। मैंने प्रपोजल में लिखा था- चूंकि, झारखंड पठार और जंगल वाला राज्य हैं। यहां के ज्यादातर इलाकों में समतल सड़क भी नहीं है। ऐसे में अपना विमान व हेलीकॉप्टर होने से राज्य के सभी इलाकों को कनेक्ट करने में आसानी होती और सरकारी कामकाज में भी गति लाई जा सकती, पर इसपर बात नहीं बन पाई है।

सवाल- हेलीकॉप्टर में बार-बार जो गड़बड़ी आ रही है, क्या उसकी वजह समय से मेंटनेंस नहीं होना है?

जवाब- मेंटनेंस तो होता ही होगा। चूंकि, प्राइवेट कंपनी इसको संचालित कर रही है ऐसे में मेंटनेंस का जिम्मा भी उसी के पास है।

Posted By: Inextlive