कोलकाता में कक्षा पांच की एक छात्रा की इलाज के दौरान अस्पताल में हुई मौत के बाद सैकड़ों अभिभावकों ने उसके स्कूल के सामने प्रदर्शन कर तोड़फोड़ की.


शहर के दमदम इलाके में क्राइस्ट चर्च गर्ल हाईस्कूल की छात्रा ओइंद्रिला दास के परिजनों ने आरोप लगाया है कि उसकी सीनियर छात्राओं ने उसे करीब दो हफ़्ते पहले दो-तीन घंटे तक स्कूल के एक शौचालय में बंद कर दिया था.छात्रा को स्कूल के एक सफाईकर्मी ने बाहर निकाला था. इस घटना के बाद उस छात्रा की हालत बिगड़ गई थी. उसने खाना-पीना छोड़ दिया था. वह लोगों से बातचीत भी कम करने लगी और स्कूल जाने से डरने लगी थी.अभिभावकों का गुस्साइसके बाद परिजनों ने उसे डॉक्टर और मनोवैज्ञानिक को भी दिखाया. बाद में उसे शहर के एक नर्सिंग होम में दाखिल कराया गया. डॉक्टरों ने बुधवार शाम उसे एक इंजेक्शन लगाया. इसके बाद छात्रा की हालत और बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई.
"स्कूल की सीनियर छात्राएं अपने जूनियर छात्राओं से पैसे की मांग करती है. पैसे न देने पर उन्हें तरह-तरह से परेशान किया जाता है. उनका कहना है कि ओइंद्रिला से पहले भी पैसे मांग गए थे, जिसे उसने चोरी-छिपे दिए भी थे"-ओइंद्रिला दास के परिजनपुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज किया है. एफआईआर में कुछ अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है. पुलिस का कहना है कि दो छात्राओं की पहचान कर ली गई है.


छात्रा की मौत की ख़बर आते ही गुरुवार सुबह सैकड़ों की संख्या में  अभिभावक स्कूल पहुँच गए और स्कूल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. कुछ अभिभावकों ने स्कूल में तोड़फोड़ भी की. यह देख अध्यापक और स्कूल के अन्य कर्मचारियों ने शौचालय में घुसकर जान बचाई.स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस मौक पर पहुँच गई और नाराज अभिभावकों को समझाने-बुझाने का प्रयास किया. अभिभावक स्कूल के प्रिंसिपल के इस्तीफे और गिरफ्तारी की मांग पर अड़े थे.पुलिस के दबाव में प्रिंसिपल ने अभिभावकों के सामने आकर घटना के लिए माफी मांगी और कहा कि इस तरह की घटना दोबारा नहीं होने दी जाएगी. उन्होंने कहा कि मामले के दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.प्रिंसिपल का इस्तीफासरकार ने प्रिसिंपल की गिरफ़्तारी के आदेश दिए हैं. ख़बरों के मुताबिक उन्होंने गुरुवार शाम अपने पद से इस्तीफा दे दिया.

ओइंद्रिला दास के परिजनों का आरोप है कि स्कूल की  सीनियर छात्राएं अपने जूनियर छात्राओं से पैसे की मांग करती है. पैसे न देने पर उन्हें तरह-तरह से परेशान किया जाता है. उनका कहना है कि ओइंद्रिला से पहले भी पैसे मांग गए थे, जिसे उसने चोरी-छिपे दिए भी थे. उनका कहना है कि स्कूल में ऐसी घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं.
ओइंद्रिला के अभिभावकों का कहना है कि इसकी शिकायत स्कूल के अध्यापकों और प्रिंसिपल से भी की गई थी.लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की.अभिभावकों का कहना है कि स्कूल प्रशासन भी अलग-अलग बहाने से उनसे पैसे वसूलता रहता है.चर्च ऑफ़ नार्थ इंडिया के इस स्कूल की स्थापना 1882 में की गई थी.

Posted By: Satyendra Kumar Singh