RANCHI(24 छ्वह्वठ्ठद्ग): सिटी के डोरंडा थाना क्षेत्र अंतर्गत घाघरा में बुधवार शाम एक तेजरतार पिकअप वैन से कुचलकर एक दस वर्षीय बच्ची की मौत पर स्थानीय लोगों का आक्रोश फूट पड़ा। सड़क पर उतरे लोगों ने रांची पुलिस की एक पीसीआर वैन समेत दो अन्य गाडि़यों को फूंक डाला। लोगों ने पुलिस की एक अन्य गाड़ी पलट दिया और दर्जनों गाडि़यों को नुकसान पहुंचाया। गुस्साए लोगों को रोकने की कोशिश कर रहे पुलिस के अधिकारी और जवान भी गुस्से का निशाना बने बगैर नहीं रह सके। एक दारोगा और कुछ जवानों के साथ मारपीट की खबर है।

रांग साइड से आ रही थी वैन

घटना साढ़े पांच बजे की है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक रांग साइड से तेज रतार में आ रही पिकअप वैन ने उलसी नामक दसवर्षीय बच्ची को कुचल डाला। वह खूंटी की रहने वाली थी और स्कूल की छुट्टी में अपनी चाची के घर घाघरा आई थी। उलसी की चाची और उसके परिजन प्रशासन से बार-बार बच्ची को वापस लाने की मांग कर रहे थे। परिजन रो-रोकर कह रहे थे कि वे उलसी के मां-पिता को क्या जवाब देंगे? घटना के तुरंत बाद बड़ी संया में स्थानीय लोग जमा हो गए। उन्होंने पहले घाघरा-नामकुम रोड पर गाडि़यों का परिचालन रोक दिया। उन्होंने बच्ची का शव सड़क पर रख दिया। वे लोग दस लाख रुपए के मुआवजे और बच्ची के एक परिजन को सरकारी नौकरी देने की मांग कर रहे थे। थोड़ी देर बाद मौके पर आई स्थानीय थाने की पुलिस ने लोगों को रोकने की कोशिश की तो वे बेकाबू हो गए। उन्होंने सबसे पहले रांची पुलिस की एक नई पिकअप वैन में आग लगा दी। इसके बाद दो अन्य गाडि़यों को भी आग के हवाले कर दिया। लोगों ने पुलिस पर भी हमला बोल दिया। डोरंडा थाना प्रभारी को आंख में चोट लगी है। उन्हें इलाज के लिए भेजा गया। लोगों ने वहां से गुजरने वाले आधा दर्जन वाहनों में भी तोड़फोड़ की।

छावनी में तब्दील घाघरा

एक्सीडेंट के बाद घाघरा छावनी में तदील हो गया। मौके पर पहुंची सिटी एसपी और डीएसपी ने जवानों के साथ मामले को संभाला और ग्रामीणों से बात करने की कोशिश की। लेकिन ग्रामीण वार्ता करने को तैयार ही नहीं थे। गुस्साए ग्रामीण वरीय अधिकारियों को बुलाने की मांग कर रहे थे। इस दौरान झारखंड पुलिस और फोर्स के जवानों ने सड़क के दोनों ओर मोर्चा संभाल रखा था। काफी देर वार्ता के बाद भी ग्रामीणों ने डीसी को बुलाने की मांग की। इसके बाद डीसी मनोज कुमार ने घटना स्थल पर पहुंच कर ग्रामीणों से वार्ता की। परिजनों ने कहा कि मुआवजे के रूप में दस लाख रुपए और बच्ची के एक परिजन को सरकारी नौकरी देने का आश्वासन जबतक लिखित रूप में नहीं दिया जाता, जाम नहीं हटाया जाएगा। परिजन और ग्रामीण देर रात तक घाघरा रोड पर जमे हुए थे।

पूरे इलाके में पसरा रहा अंधेरा

बताया जाता है कि उस इलाके की स्ट्रीट लाइट नहीं जलती है और बुधवार को भी यहीं हुआ और अंधेरा होने की वजह से एक छोटी बच्ची दुर्घटना का शिकार हो गई। वहीं घटना के बाद से इलाके की लाइट भी काट दी गई थी। इस दौरान कई बार लोगों ने हंगामा करने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उन्हें शांत कराया।

Posted By: Inextlive