छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : सवाल महिलाओं-लड़कियों की सुरक्षा का है, लेकिन इसे लेकर न तो पुलिस प्रशासन चौकस है और न ही कॉलेज मैनेजमेंट। ग‌र्ल्स कॉलेजेज में भी लड़के बेधड़क घुस आते हैं। वे न सिर्फ हंगामा करते हैं, बल्कि कई बार लड़कियों के साथ मिहबिहेव अथवा छेड़खानी करने से भी बाज नहीं आते हैं। कॉलेज कैंपस के बाहर मनचलों का जमावड़ा लगा रहता है। आती-जाती लड़कियों पर ये फिल्दी कमेंट्स करते हैं, लेकिन इन्हें रोकने वाला कोई नहीं है। ऐसे में असुरक्षा के साए में लड़कियां आना-जाना करती हैं, पर इनकी सेफ्टी को लेकर प्रशासन आंख मूंदी हुई है.गुरुवार को आई नेक्स्ट के रियलिटी चेक में महिलाओं-लड़कियों की सुरक्षा को लेकर बरती जा रही लापरवाही की बात सामने आई। कॉलेज, सड़क और बाजार में महिलाओं लड़कियों की सुरक्षा के लिए किए गए सारे दावों की पोल खुल गई।

नहीं हुई पुलिस की तैनाती

ग्रेजुएट कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ उषा शुक्ला ने बताया कि कैंपस में कई बार लड़के हंगामा कर चुके हैं। इस बाबत कई बार थाने को लिखकर भी दिया, फिर भी पुलिस की तैनाती नहीं की गई। ऐसे में छात्राएं अक्सर भयभीत रहती हैं। वीमेंस कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ सुमिता मुखर्जी ने कहा कि लड़कों द्वारा कैंपस में हंगामा और तोड़फोड़ किए जाने के बाद कॉलेज के गेट के पास पुलिस की व्यवस्था किए जाने को लेकर बड़े पुलिस अधिकारियों को भी बोला गया, पर नतीजा सिफर रहा।

स्टूडेंट्स और पैरेंट्स भयभीत

जिस तरह से छेड़खानी और रेप की घटनाओं का ग्राफ बढ़ रहा है, उससे युवतियों के साथ पैरेंट्स को भी भयभीत कर दिया है। सेक्रेट हार्ट कॉन्वेंट में पढ़ने वाली आकांक्षा ने कहा कि स्कूल में गार्ड होने के बावजूद उन्हें स्कूल गेट के बाहर डर लगता है। इसी स्कूल की स्टूडेंट संजीता और सायोनी का कहना था कि छुट्टी के समय स्कूल के गेट के पास काफी संख्या में ब्वॉयज बाइक लेकर चक्कर लगाते रहते हैं। उनपर नजर रखने के लिए पुलिस को उस जगह पर डिप्लॉइ किया जाएगा तो बेहतर होगा। 11वीं में पढ़ने वाली एक स्टूडेंट के पिता अभिजीत पॉल ने कहा कि वे खुद बेटी को ले जाने आते हैं, पर जिनके बच्चे वैन से जाते हैं वे काफी परेशान रहते हैं। गेट पर पुलिस रहने से आस-पास का माहौल ठीक बना रहेगा।

मार्केट में नहीं दिखती पुलिस

मार्केट में कहीं भी पुलिस नहीं दिखती। वीमेंस सेफ्टी की सिर्फ बात की जाती है पर इव-टीजिंग को रोकने के लिए न तो सड़कों पर और न ही किसी शॉपिंग मॉल या भीड़ वाले मार्केट में पुलिस नजर आती है। हमने सिटी के लगभग सभी एरियाज, जिनमें बिस्टुपुर, साकची, जुगसलाई स्थित मार्केट का जायजा लिया, पर कहीं भी पुलिस जवान के दर्शन नहीं हुए।

चौक-चौराहों पर नहीं दिखती पुलिस

ईव टीजिंग और छेड़खानी जैसी घटनाओं को रोकने के लिए शहर के मुख्य चौक-चौराहों पर पुलिस का डिप्लॉईमेंट जरुरी होता है पर यहां ऐसा देखने को नहीं मिलता है। चौक चौराहों पर लेडी कांस्टेबल की भी ड्यूटी नहीं लगाई जाती। ऐसे में मनचलों को छेड़खानी का मौका मिल जाता है।

कॉलेजेज में कब-कब लड़कों ने किया हंगामा

- 26 अगस्त 2014: वीमेंस कॉलेज और ग्रेजुएट कॉलेज फॉर वीमेंस में कुछ बाहरी लड़कों ने किया हंगामा।

- 16 जुलाई 2014: वीमेंस कॉलेज में कुछ लड़कों ने घुसकर हंगामा किया।

- 28 जून 2014: सिंहभूम होमियोपैथिक मेडिकल कॉलेज के ग‌र्ल्स हॉस्टल में रात में कोई घुस आया था। आनन-फानन में पुलिस को बुलाया गया।

- 23 जून 2014: जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज कैंपस में कुछ लड़कों का हंगामा

- 14 जून 2014: गोलमुरी स्थित आरडी टाटा टेक्निकल इंस्टीट्यूट एनटीटीएफ के कैंपस में स्टूडेंट्स का हंगामा

- 4 जून 2014: को-ऑपरेटिव कॉलेज स्टूडेंट लीडर्स ने प्रिंसिपल के चैंबर में शराब पीकर बीएड डिपार्टमेंट के टीचर्स को दी धमकी

- 20 दिसंबर 2013: बीएड एडमिशन को लेकर को-ऑपरेटिव कॉलेज में स्टूडेंट्स लीडर्स की तलवारबाजी

- 9 दिसंबर 2013: को-ऑपरेटिव कॉलेज के एग्जामिनेशन डिपार्टमेंट से एक छात्र नेता इंटर के 150 रजिस्ट्रेशन फॉर्म को जबरन उठाया

- 4 दिसंबर 2013: एक्सएलआरआई और को-ऑपरेटिव कॉलेज के बीच दीवार मामले को लेकर स्टूडेंट लीडर्स ने दिन भर सिटी के सभी कॉलेजेज में किया हंगामा

-23 नवंबर 2013: जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज में प्रिंसिपल पर एक स्टूडेंट लीडर पर हमला का आरोप लगाते हुए अगले दो दिनों तक हंगामा

- 21-23 जून 2013: जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज में बीएड इंट्रेंस एग्जाम को लेकर कैंपस के अंदर और बाहर स्टूडेंट लीडर्स का हंगामा

- 16 मई 2013: साकची स्थित ग्रेजुएट कॉलेज में स्टूडेंट्स के एडमिशन को लेकर स्टूडेंट लीडर्स का हंगामा

Posted By: Inextlive