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PATNA : सात जन्मों के बंधन का सपना और सात फेरों का वचन लिए जब बेटियां अपने बाबुल के घर की दहलीज लांघ कर ससुराल पहुंचती हैं तो एकसाथ कई उम्मीदें पलने लगती हैं. ये बेटियां जब अपने ससुराल जाती हैं और वहां पर उसके सपनों को तार-तार कर दिया जाता है. महज दहेज के चंद रुपयों की खातिर उन्हें प्रताडि़त किया जाता है. उनके साथ मारपीट की जाती है. यह सब उन्हें तब सहना पड़ रहा है जब बिहार में पूर्ण रूप से दहेजबंदी है. जिस साल दहेजबंदी की गई उसी साल पटना में 141 बेटियों के साथ दहेज प्रताड़ना का शिकार होना पड़ा. यह खुलासा महिला हेल्पलाइन सह वन स्टॉप सेंटर पटना में आई शिकायतों के बाद हुआ. वहीं, वर्ष 2018 में भी 81 महिलाओं के साथ दहेज के लिए जुल्म ढाहा गया. वर्ष 2017 के मुकाबले वर्ष 2018 में आपको संख्या भले ही कम दिख रही है लेकिन अगर आप पिछले 9 साल की तुलना करेंगे तो बहुत अंतर नहीं मिलेगा. इससे सरकार की मंशा पर भी सवालिया निशान खड़ा हो गया है.

विदेशों में भी होती हैं प्रताडि़त

बिहार की बेटियां सिर्फ अपने प्रदेश में ही दहेजलोभियों के हाथ नहीं जल रही हैं. विदेशों में भी प्रताडि़त हैं. कुछ माह पहले पटना सिटी के आलमगंज थाना क्षेत्र में पथरी घाट निवासी पवन कुमार सिंह की पुत्री रुचि सिंह ने अपने पति और ससुर के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज कराया. उसके साथ उसके पति ने स्विट्जरलैंड में प्रताडि़त किया. इसके बाद वो वापस भारत आ गई. पति फिर से उसे पोलैंड ले गया. वहां पर भी उसे प्रताडि़त किया गया.

पति कर लेते हैं दूसरी शादी

2006 से लेकर 2018 तक वन स्टॉप सेंटर में कुल 148 शिकायतें पहुंची हैं. इसमें महिलाओं का आरोप है कि उनके रहते हुए पति ने दूसरी शादी कर ली.

न्याय के लिए भटकते रहते हैं माता-पिता

सरकार के लाख प्रयास के बावजूद महिलाओं के साथ होने वाले जुल्म कम नहीं हो रहे हैं. स्थिति ये है कि वर्ष 2018 में 274 महिलाओं के साथ घरेलू प्रताड़ना का मामला सामने आया था. वर्ष 2017 में कुल 372 केस दर्ज हुए थे. वर्ष 2017 के मुकाबले 2018 में दहेज प्रताड़ना में कमी तो आई है लेकिन जिस औसत से कमी आनी चाहिए उतनी दिख नहीं रही है. ऐसे में लड़कियों के माता-पिता की परेशानी बढ़ जाती है. आए दिन एसएसपी कार्यालय में बेटी को न्याय दिलाने के लिए पिता गुहार लगाने पहुंचते हैं.

कभी परिवार तो कभी पड़ोसी से प्रॉपर्टी का विवाद

महिलाओं के साथ प्रॉपर्टी के विवाद भी खूब आ रहे हैं. वर्ष 2006 से लेकर 2018 तक 174 प्रॉपर्टी की शिकायतें आई. कभी उनके परिवार के लोगों से ही झगड़ा होता है तो कभी पड़ोस के लोगों द्वारा जमीन पर क?जा करने का प्रयास किया जाता है. पिछले साल 4 बेटियों ने महिला सेल में इसकी शिकायत की थी.

Posted By: Manish Kumar