बीते दिनों रिलीज हुई फिल्‍म 'द जंगल बुक' की लोगों ने खूब तारीफ की। बच्‍चों के साथ-साथ बड़ों को भी ये बहुत पसंद आई। इसके अलावा फिल्‍म का मेन करेक्‍टर मोगली तो पहले ही हम सबके बीच फेवरेट रहा है। इसके किस्‍से लोगों को आज भी याद है। ये उस समय की बात है जब मोगली को उसके फैन्‍स नेशनल चैनल पर देखा करते थे। उस समय से ये बच्‍चों समेत बड़ों का भी हीरो बन गया। वहीं क्‍या आपको पता है कि भारत में एक नहीं बल्‍कि दो असली मोगली थीं। ये दोनों लड़कियां थीं और दोनों को जंगल में भेड़ियों ने मिलकर पाला है। आइए जानें इन दो मोगली बहनों के बारे में...।


दोनों को निकाला गया भेड़ियों के झुंड से ये वक्त था 1920 का। मौका था जब पश्िचम बंगाल में दो बहनों को भेड़िए की एक मांद से छुड़वाया गया था। दोनों को देखकर लोग ताज्जुब में थे कि कैसे ये दोनों इतनी कम उम्र में भेड़ियों के बीच चली गईं और उन्होंने इन दोनों को नुकसान तक नहीं पहुंचाया। बल्कि दोनों को पाला है। इनमें से एक का नाम कमला था और दूसरी का अमला। कमला सिर्फ 8 साल की थी और अमला महज 18 महीने की। बताया गया है दोनों रिश्ते में बहनें नहीं थीं, लेकिन साथ में रहने के कारण दोनों बहनों की तरह बिहेव करने लगी थीं। ऐसी हो गई थीं हरकतें


भेड़ियों के बीच में पली-बढ़ी दोनों बहनें हरकतों से भी बिल्कुल भेड़िए की तरह हो गई थीं। दोनों को खाने में कच्चा मांस ही पसंद था। दोनों हथेलियों और घुटनों से चलती थीं। और तो और दोनों को रात में ही ज्यादा दिखाई भी देता था। जंगल में भेड़ियों के बीच से छुड़वाकर दोनों को एक अनाथाश्रम में लाकर रखा गया। पहली बार आश्रम के लोगों ने उन्हें देखा तो डर ही गए। सभी ने दोनों को हुलिए से भूत ही समझा।     

पढ़ें इसे भी : पत्नी के साथ पराए मर्द को देख भड़का पेग्विंन! फिल्मी अंदाज में किया लव ट्रायंगल का दि एंडबहुत की लोगों ने कोशिश लेकिन...आश्रम में दोनों को इंसानों की तरह रहना सिखाया जाने लगा। इस क्रम में सबसे पहले उनको कपड़े पहनाए गए। कपड़े को शरीर पर रखते ही वो उसको फाड़ देती थीं। उन्हें जानवरों की तरह कपड़ा पहनना पसंद नहीं था। खाने में भी उनको सिर्फ और सिर्फ कच्चा मांस ही चाहिए था। शाकाहारी खाना उनको पसंद ही नहीं आता था। इसके अलावा दोनों रात में भेड़ियों की तरह आवाजें भी निकालती थीं। पढ़ें इसे भी : ये बच्ची भूल जाती है सांस लेना, फिर मां करती है जो उसे सुनकर आप भी चौंक जाएंगेदोनों बीमार हो गईं और...

अभी आश्रम के लोग दोनों को इंसान बनाने की कोशिश कर ही रहे थे कि 1921 में दोनों बीमार हो गईं। इनमें से छोटी लड़की अमला को गुर्दे का संक्रमण हो गया। ये संक्रमण इतना बढ़ गया कि वो इलाज के दौरान ही उसकी जान चली गई। उसकी मौत का कमला पर बहुत असर पड़ा। लंबे समय के लिए वह उसके शोक में डूब गई। उसके बाद 5 साल बीते और कमला में कुछ-कुछ इंसानों के जैसा बदलाव आना शुरू हो गया। अब वह लोगों को पहचानने लगी थी। थाली में खाना भी खाने लगी थी। इसके अलावा साफ शब्दों में बोलना भी सीख गई थी। तभी अचानक 1929 में उसको न्यूरो डेवलपमेंट विकार हो गया। इससे वो बच नहीं सकी और उसकी मौत हो गई। पढ़ें इसे भी : मगरमच्छ के साथ खेलकर बड़े हुए, रोज कराते हैं उसे ब्रशWeird Newsinextlive fromOdd News Desk

Posted By: Ruchi D Sharma