GORAKHPUR : वल्र्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में अमित और बजरंगी ने मेडल जीत कर हंगरी में तिरंगा लहराया और इतिहास रच दिया. इस जीत से गोरखपुर में खुशी की लहर दौड़ पड़ी क्योंकि देश को मिलें दोनों मेडल के पीछे एक गोरखपुराइट का हाथ था जिसने बाउट रिंग के अंदर तो दांव नहीं लगाया मगर वहां लग रहे हर दांव के पीछे एडवाइस उसी की थी. हम बात कर रहे हैं सिटी के इंटरनेशनल रेसलर चन्द्रविजय सिंह की जो इस साल जूनियर इंडिया टीम के चीफ कोच नहीं बल्कि सीनियर इंडिया टीम के कोच हैं और टीम को लेकर वल्र्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में हंगरी गए थे. चन्द्रविजय सिंह ने फोन पर इस अहम जीत की खुशी को आई नेक्स्ट के साथ शेयर की.


पटकनी से नहीं प्वाइंट से जीते मेडलहंगरी का टूर इंडिया की हिस्ट्री में हमेशा के लिए दर्ज हो गया। वल्र्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में इंडिया ने ब्वॉयज कैटेगरी में पहली बार एक साथ दो मेडल जीते और छठीं पोजीशन पर रहें। अमित के सिल्वर और बजरंगी के ब्रांज मेडल जीतने से खुश चन्द्रविजय सिंह ने कहा कि अब बाउट पटकनी से नहीं बल्कि प्वाइंट से जीतते हैं। उन्होंने कहा कि हम लोगों ने हंगरी में लगे कैंप में पहलवानों के साथ इसी को लेकर मेहनत की थी। हालांकि एक और मेडल के लिए नरसिंह से उम्मीद थी, मगर निराशा हाथ लगी। कैंप का मिला फायदा
चन्द्रविजय ने कहा कि हंगरी में लगे 15 दिन के कैंप ने अधिक फायदा दिया। कैंप में पहलवान वहां के मौसम में एडजेस्ट हो गए, जिससे फाइट लड़ते टाइम उन्हें कोई प्रॉब्लम नहीं हुई, जिसका नतीजा दो मेडल के रूप में इंडिया को मिला। वल्र्ड रेसलिंग चैंपियनशिप की परफार्मेंस को देखते हुए उन्होंने कहा कि यह तय है कि इस बार ओलंपिक में मेडल की संख्या जरूर बढ़ेगी, जिसमें रेसलिंग का मेन रोल होगा।

Posted By: Inextlive