- यात्रा रूट पर पीडब्ल्यूडी के 450 से ज्यादा कर्मचारी जुटे हुए

- 150 कर्मी केवल बर्फ हटाने पर हैं जुटे हुए, 3 पैदल पुलों का निर्माण जारी

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DEHRADUN: चारधाम यात्रा के चंद दिन शेष रह गए हैं. लेकिन, सभी धामों में से केदारनाथ धाम में यात्रा रूट पर अब तक चुनौतियां बरकरार हैं. खास बात यह है कि गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक करीब 18 किमी के पैदल रूट पर अब तक 5 ऐसे सेंसिटिव जगह हैं, जहां ग्लेशियर का खतरा बना हुआ है. हालांकि पीडब्ल्यूडी ने शुरुआती तौर पर यात्रा रूट से बर्फ हटाने का काम पूरा कर लिए जाने का दावा किया है, लेकिन अभी भी यात्रा रूट पर रैलिंग का निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर जारी है. पीडब्ल्यूडी के पास करीब 450 से अधिक कर्मचारी हैं, जो यात्रा रूट को तैयार करने पर जुटे हुए हैं.

तीन पुलों का निर्माण जारी
पीडब्ल्यूडी के एक्सिक्यूटिव इंजीनियर प्रवीण कांडपाल ने बताया कि तीन पुल बनाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. जिसमें गौरीकुंड, रामबाड़ा और लिमचौली शामिल हैं. तीनों पुल लोहे के बनाये जा रहे हैं. वहीं ईई प्रवीण कांडपाल ने बताया कि यात्रा रूट पर बर्फबारी के कारण 75 परसेंट से ज्यादा रैलिंग डैमेज हो चुके हैं, जबकि ज्यादातर प्री-फेब्रिकेटेड हट भी बर्फबारी से टूट जाते हैं. बताया गया है कि यात्रा रूट पर 5 ऐसे स्पॉट्स हैं, जहां 12 फिट से अधिक बर्फ जमी हुई है और वे ग्लेशियर की शक्ल में हैं. हालांकि इन स्थानों पर बर्फ काटकर रूट तो तैयार कर दिया गया है, लेकिन ग्लेशियर पिघलने व टूट जाने से यात्रा रूट ब्लॉक होने की संभावना है. इनमें लिमचौली, थारू, कुबेर, हथनी व भैरव स्थान शामिल हैं. बताया गया है कि इन स्पॉट्स पर बार-बार बर्फ पिघलने के कारण यात्रा रूट ब्लॉक हो रहा है. इसके लिए डिपार्टमेंट की ओर से अकेले 150 कर्मचारियों को केवल बर्फ हटाने के काम पर लगाया गया है. दावा किया गया है कि 5-6 मई तक यात्रा मार्ग के सभी कार्य पूरे कर दिए जाएंगे.

केदारनाथ में कम यात्री कर पाएंगे नाइट स्टे
इस बार विंटर सीजन में केदारनाथ धाम के अलावा केदारनाथ यात्रा रूट पर खासा नुकसान हुआ है. बर्फबारी के कारण सबसे ज्यादा नुकसान प्री-फेब्रिकेटेड हट का हुआ है. ऐसे हालात को देखते हुए गत वर्ष की तुलना में इस बार धाम में केवल दो हजार यात्री ही नाइट स्टे कर पाएंगे. पिछले वर्ष 7 हजार यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था की गई थी.

पड़ावों पर भी नहीं हो पाएगी नाइट स्टे की व्यवस्था
हर वर्ष यात्रा सीजन के दौरान गौरीकुंड से लेकर केदारनाथ धाम तक पड़ने वाले तमाम पड़ावों पर यात्रियों के नाइट स्टे की व्यवस्था हुआ करती है. लेकिन इस बार जबरदस्त बर्फबारी होने के कारण पड़ावों पर भी स्थिति सामान्य नहीं है. डीएम रुद्रप्रयाग मंगेश घिल्डियाल के मुताबिक डैमेज हुए हट को ठीक करने की कोशिशें की जा रही हैं. शुरुआत में करीब दो हजार लोगों के ठहरने की व्यवस्थाएं की गई हैं. हालांकि लिनचोली में 500, भीमबली में दो हजार और गौरीकुंड आठ यात्रियों के ठहरने के इंतजाम हो पाए हैं.

Posted By: Ravi Pal