- दिन में स्ट्रीट लाइट जलने से बरबाद होती है रोजाना हजारों यूनिट बिजली

- स्ट्रीट लाइट के ढाई सौ वाट से 10 घंटे में खर्च होते हैं ढाई यूनिट

GORAKHPUR: सिटी में जीएमसी यदि लापरवाही भरा रवैया छोड़ दे तो गोरखपुराइट्स को अर्थ आवर डे मनाने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। अब आप सोच रहे होंगे कि यह कैसे होगा। आइए हम आपको बताते हैं कि यह कैसे होगा। दरअसल, गर्मी आते ही सिटी में बिजली का संकट बढ़ जाता है। तापमान चढ़ने के साथ ही कटौती का ग्राफ भी बढ़ जाता है। इस प्रॉब्लम को सॉल्व करने में जीएमसी मदद कर सकता है। दिन में स्ट्रीट लाइट्स के जलने से रोजाना हजारों यूनिट बिजली बरबाद हो जाती है, लेकिन इसको लेकर अफसर गंभीर नहीं है। जबकि सेंट्रल गवर्नमेंट ने ख्0क्ख् के दिसंबर मंथ तक ऑटो टाइमर स्वीच लगाने का निर्देश दिया था।

क्0 घंटे में ख्भ्0 वाट के बल्ब को चाहिए ढाई यूनिट

जीएमसी के इंजीनियर्स का कहना है कि ढाई सौ वाट के बल्ब को जलाने से क्0 घंटे में करीब ढाई यूनिट बिजली की खपत होती है। सिटी में लगे ज्यादातर स्ट्रीट लाइट्स को बुझाया नहीं जाता है। जीएमसी एरिया में करीब क्0 हजार स्ट्रीट लाइट्स दिन में रोजाना जलती रहती है। इंजीनियर्स बताते हैं कि इससे ख्भ् हजार यूनिट बिजली बरबाद चली जाती है। सामान्य रूप से किसी घर में एक दिन में ढाई यूनिट बिजली की खपत होती है। ऐसे में जीएमसी की लापरवाही से घरों की बिजली उड़ जाती है। जीएमसी के इंजीनियर्स ने बताया कि एक हाईमास्ट क्0 घंटे में ब्0 यूनिट बिजली की खपत करता है। दिन में एक हाईमास्ट के बुझे रहने से कम से कम ख्0 घरों में उजाला किया जा सकता है।

नहीं लगे ऑटो टाइमर स्विच

जीएमसी की सिटी में करीब ब्फ् हजार स्ट्रीट लाइट्स लगाई गई है। जीएमसी से जुड़े लोगों की मानें तो सिर्फ इनको जलाने बुझाने के लिए सात सौ सामान्य स्विच लगाए गए हैं। हर स्विच से क्0 लाइट्स को जोड़ा गया है। यदि कर्मचारियों पर यकीन करें तो इस हिसाब से दिन में करीब फ्भ् हजार लाइट्स जलती रहती है। ऑटो टाइमर स्वीच लगाकर इस बरबादी को रोका जा सकता है, लेकिन जीएमसी के अधिकारी और कर्मचारी इसको लेकर गंभीर नहीं है।

मोहल्लेवालों ने निकाला बिजली बचाने का उपाय

पादरी बाजार से सटे हैदरगंज मोहल्ले के लोगों ने बिजली की बरबादी रोकने का उपाय खोजा है। मोहल्ले के लोग रोजाना कम से कम दो घंटे अपने घर के सभी उपकरण को बंद कर देते हैं। लोगों का कहना है कि इससे उनके बिजली के बिल का खर्च कम हो गया है। पहले ओवरलोड की समस्या थी जिससे ट्रांसफार्मर जल जाता था। इस उपाय से अब ट्रांसफार्मर नहीं फुंक रहे हैं। बिजली बचाने में भी मदद मिल रही है।

आटोटाइमर स्वीच लगाने की प्रक्रिया चल रही है। इसके लिए बिजली विभाग को जिम्मेदारी सौंपी गई है। जल्द ही सिटी में आटो टाइमर स्वीच लग जाएंगे।

गोपीकृष्ण श्रीवास्तव, उप नगर आयुक्त

Posted By: Inextlive